उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में है और अब छठे और सातवें चरण का मतदान बाकी है। आखिरी के दोनों चरणों में पूर्वांचल के जिलों में वोटिंग होगी और कई सीटें ऐसी हैं, जहां पर उम्मीदवारों के सामने अपना गढ़ बचाने की भी चुनौती होगी। छठे और सातवें चरण में गोरखपुर और बनारस जिले में भी वोटिंग है। गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ आते हैं, तो बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद है। आइए जानते हैं किन सीटों पर रहेगी पूरे प्रदेश की नजर।

हरैया विधानसभा सीट: बस्ती जिले की हरैया विधानसभा सीट से बीजेपी ने वर्तमान विधायक अजय सिंह को टिकट दिया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता राज किशोर सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। 2002, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में राज किशोर सिंह ने लगातार यहां से जीत हासिल की थी। लेकिन 2017 में बीजेपी के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था। राज किशोर सिंह की गिनती प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती है। सपा सरकार में मंत्री थे और मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी छोड़ कांग्रेस को ज्वाइन किया था। फिर कांग्रेस छोड़कर बसपा में आ गए थे।

कप्तानगंज विधानसभा सीट: बस्ती जिले की कप्तानगंज विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के नेता राम प्रसाद चौधरी के बेटे कविंद्र चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं। राम प्रसाद चौधरी 1993 से लेकर 2017 तक लगातार पांच बार इसी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सीपी शुक्ला ने राम प्रसाद चौधरी को हराया था। राम प्रसाद चौधरी बसपा के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते थे। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली थी। इस बार कप्तानगंज विधानसभा सीट से उनके बेटे चुनाव लड़ रहे हैं।

गोरखपुर शहर विधानसभा सीट: गोरखपुर जिले की गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ताल ठोक रहे हैं। योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पहले गोरखपुर लोकसभा सीट से योगी आदित्यनाथ लगातार 5 बार सांसद चुने जा चुके हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर शहर से बीजेपी के नेता रहे स्वर्गीय उपेंद्र शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को मैदान में उतारा है।

फाजिलनगर विधानसभा सीट: फाजिलनगर विधानसभा सीट पर पिछले दो बार से बीजेपी जीत रही है। लेकिन इस बार फाजिलनगर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर स्वामी प्रसाद मौर्य मैदान में है। स्वामी प्रसाद मौर्या इसके पहले कुशीनगर जिले की पडरौना विधानसभा सीट से मैदान में थे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनवरी महीने में बीजेपी को छोड़कर प्रदेश की राजनीति में तहलका मचा दिया था और उन्होंने दावा किया था कि पूरे प्रदेश से बीजेपी साफ हो जाएगी।

जहूराबाद विधानसभा सीट: गाजीपुर जिले की जहूराबाद सीट से विधायक ओमप्रकाश राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर है। 2017 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन में थी। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर की पार्टी सपा के साथ गठबंधन में है। ओमप्रकाश राजभर भी दावा करते हैं कि गाजीपुर जिले में एक भी सीट बीजेपी नहीं जीतेगी।

चिल्लूपार विधानसभा सीट: गोरखपुर जिले की चिल्लूपार विधानसभा सीट से हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। इस सीट पर हरिशंकर तिवारी की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है क्योंकि 1985 से लेकर 2007 तक लगातार 22 साल तक इस सीट से हरिशंकर तिवारी विधायक रह चुके हैं। 2007 और 2012 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2017 के चुनाव में उनके बेटे ने जीत हासिल की। इस बार भी उनके बेटे समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में है जबकि बीजेपी से राजेश त्रिपाठी को टिकट मिला है।