ब्राह्मण समाज की नाराजगी की खबरों के बीच आगामी यूपी चुनाव के लिए अब बीजेपी उन्हें साधने की कोशिशों में लग गई है। इसके लिए बीजेपी ने एक पैनल का गठन किया है, जिसमें ब्राह्मण समुदाय के कई बड़े नेता शामिल हैं। इसका फैसला दिल्ली में बुलाए गए एक ब्राह्मण सभा में लिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार भाजपा ने राज्य के सभी 403 सीटों को कवर करते हुए ब्राह्मण समुदाय के लिए आउटरीच कार्यक्रमों पर निर्णय लेने के लिए चार सदस्यीय समिति बनाने का निर्णय लिया है। समिति के सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला और महेश शर्मा, भाजपा नेता अभिजीत मिश्रा और पूर्व राष्ट्रीय सचिव राम भाई मोकारिया शामिल हैं।

समिति गठित करने का निर्णय नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण समुदाय के नेताओं की एक बैठक में लिया गया। इस मीटिंग में शिक्षा मंत्री और यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, जिनका बेटा लखीमपुर खीरी कांड का आरोपी है, वो भी इस बैठक में मौजूद थे। बैठक में मौजूद अन्य ब्राह्मण नेताओं में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मंत्री अनिल शर्मा, जितिन प्रसाद, ब्रजेश पाठक, रीता बहुगुणा जोशी और सुनील भराला शामिल थे।

सूत्रों ने इस मीटिंग के बारे में कहा कि समिति के सदस्य अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अन्य मुद्दों के संबंध में ब्राह्मण समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। समुदाय के नेताओं को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र और योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ पूरे राज्य में परशुराम तीर्थों और धामों के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं से भी अवगत कराया जाएगा।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 13 प्रतिशत ब्राह्मणों का वोट है। विपक्ष, सीएम योगी पर ठाकुरवाद का आरोप लगाता रहा है। कहा जा रहा है कि यूपी में ब्राह्मण इस समय भाजपा से नाराज हैं। पूर्वांचल या पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई ब्राह्मण नेताओं ने हाल ही में समाजवादी पार्टी का रुख किया है। खासकर वे जो पहले बहुजन समाज पार्टी के साथ थे। यही कारण ही कि अब बीजेपी, ब्राह्मण समाज को साधने की कोशिश करती दिख रही है।