उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का दल-बदलना जारी है। धौरहरा से विधायक बाला प्रसाद अवस्थी (Bala Prasad Awasthi) 16 दिन समाजवादी पार्टी में रहने के बाद सोमवार को दोबारा भाजपा में शामिल हो गए। धौरहरा सीट पर भाजपा ने बाला प्रसाद अवस्थी का टिकट दिया था, जिसके बाद नाराजगी जताते हुए अवस्थी ने भाजपा छोड़ अखिलेश यादव की पार्टी का दामन थाम लिया था।
वहीं, भाजपा में वापसी के बाद भारत समाचार से बात करते हुए बाला प्रसाद अवस्थी ने कहा, “मेरी शान, मेरी पहचान भाजपा परिवार से शुरू हुई थी, मुझे महसूस हुआ कि मिशन 2022 में राष्ट्रहित में हमको अपने परिवार के साथ जाना चाहिए, मेहनत करनी चाहिए, इस मिशन को पूरा करना चाहिए। इसलिए ही मैंने तत्काल घर वापसी की।”
बाला प्रसाद अवस्थी से पूछा गया कि 15-16 दिन में ऐसा क्या बदलाव आ गया कि आपने दोबारा भाजपा में शामिल होने का फैसला किया? इस पर उन्होंने कहा, “भाग्य और समय से पहले कुछ मिलता नहीं है, लेकिन समय पर घर वापसी कर ली जाए। कहीं, हमारी वजह से हमारे जिले की कोई भारतीय जनता पार्टी की सीट 100-50 वोट से हार जाए तो हमको पूरे जीवन इसका अफसोस होगा। हमारे बेटे इस मिशन 2022 को पूरी निष्ठा के साथ कार्यकर्ता बनकर पूरा करेंगे।”
भाजपा पर लगाए गए आरोपों और समाजवादी पार्टी छोड़कर वापस आने से जुड़े सवाल पर अवस्थी ने कहा, “आपसी मतभेद होते हैं लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि है, अगर हम अपने हितों को देखते तो ये मिशन अधूरा रह जाता, हमारे मन में कष्ट होता।” अवस्थी ने कहा कि उनके कुछ साथियों के साजिश के कारण वह भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए थे। साथ ही उन्होंने कहा कि सपा में शामिल होने के दौरान उन्होंने किसी तरह की शर्त नहीं रखी थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा जबकि 7 मार्च को 7वें चरण का मतदान होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी।