उत्तर प्रदेश में सोमवार को विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है। दूसरे चरण में सूबे की 55 सीटों पर मतदान हो रहा है, जो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नेतृत्व वाली सपा-रालोद गठबंधन के लिए करो या मरो वाली स्थिति है। यहां आधे से विधानसभा सीटें मुस्लिम बहुल हैं और यह अल्पसंख्यक समुदाय गठबंधन को वोट कर सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, परंपरागत तौर पर, सपा ने सत्ता में आने के लिए मुसलमानों और यादवों (MY) पर अधिक भरोसा जताया है, जहां मुस्लिम सूबे की कुल आबादी का 19 फीसदी हैं, वहीं यादव 24 करोड़ आबादी का 9 फीसदी हैं। हालांकि, मौजूदा चुनाव में सपा काफी हद तक जाटों पर भी निर्भर है। अखिलेश यादव ने इस चुनाव में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली रालोद के साथ गठजोड़ किया है।
जयत चौधरी के दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जाटों के बड़े नेता थे, यहां जाट कुल आबादी का 2 फीसदी हैं। जयंत के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अजीत सिंह भी एक जाट नेता थे। पहले चरण में 10 फरवरी को 58 सीटों पर हुए मतदान में अधिकांश सीटों पर जाटों का दबदबा था। यूपी में चल रहे चुनाव में सपा का वोट बैंक JYM (जाट, यादव, मुस्लिम) के इर्द-गिर्द दिखता है।
सपा-रालोद की किस्मत पश्चिमी यूपी, मुस्लिम बहुल सीटों और मैनपुरी में अखिलेश यादव के गढ़ के आसपास की पट्टी पर टिकी है, जहां यादवों का निर्णायक प्रभाव माना जाता है। यदि तीन में से एक में भी गठबंधन अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो इनके लिए राहें मुश्किल हो सकती हैं।
मुस्लिम मतदाताओं का इन सीटों पर प्रभाव
दूसरे चरण के चुनाव में 55 सीटों में से 9 सीटों पर मुसलमानों की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, 14 सीटों पर 40 से 50 प्रतिशत आबादी और अन्य 14 सीटों पर 30 से 40 प्रतिशत के बीच है। बाकी 18 सीटों पर उनकी आबादी 30 फीसदी से भी कम है। यूपी में दूसरे चरण के चुनाव में 55 विधानसभा सीटों में से 37 में मुसलमानों की आबादी 30 प्रतिशत से अधिक है।
दूसरे चरण में नौ जिलों रामपुर, बदायूं, शाहजहांपुर, बिजनौर, संभल, अमरोहा, मुरादाबाद, सहारनपुर और बरेली में मतदान हो रहा है। इन नौ जिलों में नगीना, संभल, अमरोहा, रामपुर, देवबंद और चमरौआ निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिमों का दबदबा है। धोखाधड़ी के आरोप में जेल में बंद सपा के सांसद आजम खान अपने गढ़ रामपुर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम स्वार से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ हैदर अली खान अपना दल (सोनेलाल) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैंं।
भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी मुस्लिम बहुल नकुड़ से चुनाव लड़ रहे हैं। 2017 में बीजेपी ने 55 में से 38 सीटें जीती थीं, जबकि सपा ने 15 सीटें जीती थीं। बाकी दो सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी।