उत्तर प्रदेश की बलरामपुर जिले की तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक रंजिश के चलते हुए हत्या के चलते यहां चुनाव संवेदनशील हो गया है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के टिकट के उम्मीदवार 45 वर्षीय फिरोज अहमद उर्फ पप्पू की पिछले महीने हत्या कर दी गई थी। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी ने फिरोज अहमद के दादा अब्दुल मशहूद खान को अपना उम्मीदवार बनाया है।
50 साल के मशहूद खान 2002 और 2012 में दो बार सपा के टिकट पर तुलसीपुर सीट जीत चुके हैं। इस बार तुलसीपुर सीट पर छठे चरण में 3 मार्च को मतदान होना है। वहीं फिरोज की हत्या में साजिशकर्ता 33 वर्षीय जेबा रहमान भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। बता दें कि 45 वर्षीय फिरोज अहमद उर्फ पप्पू की हत्या ने इस सीट पर चुनावी लड़ाई तेज कर दी है।
जेबा रहमान कांग्रेस के टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव तुलसीपुर से लड़ चुकी हैं। हालांकि उस चुनाव में वो भाजपा कैलाश नाथ शुक्ला से हार गई थीं। इस चुनाव में शुक्ला फिर भाजपा के टिकट से मैदान में हैं। वहीं बसपा ने भुवन प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है।
वोटों का समीकरण: गौरतलब है कि तुलसीपुर निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 3.5 लाख मतदाता हैं। जिसमें हिंदुओं का लगभग 2.3 लाख वोट हैं। इसमें 60,000 ब्राह्मण वोट शामिल हैं। वहीं मुसलमानों का 1.2 लाख वोट है। इस सीट पर ओबीसी मतदाता भी अधिक संख्या में हैं। जिसमें ओबीसी 35 प्रतिशत, एससी 23 फीसदी हैं।
फिरोज अहमद की हत्या: फिरोज अहमद की हत्या के मामले में बलरामपुर पुलिस ने 10 जनवरी को पूर्व सांसद रिजवान जहीर, शकील, मेराजुल हक, उर्फ, मामा और महफूज समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा था कि हक और महफूज हत्या फिरोज की हत्या में शामिल थे। जबकि अन्य पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है।
तुलसीपुर सर्किल ऑफिसर कुंवर प्रभात सिंह ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि अहमद की हत्या “राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते हुई। क्योंकि आरोपी फिरोज की बढ़ती लोकप्रियता से खुश नहीं थे। उन्हें डर था कि सपा फिरोज को टिकट दे देगी। दरअसल आरोप के मुताबिक रिजवान अपनी बेटी के लिए सपा का टिकट चाहते थे, इसलिए उन्होंने अहमद को खत्म करने की साजिश रची। वहीं जेबा की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है।