कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर और आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने 16 जनवरी को वीआरएस लेकर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। असीम अरुण को यूपी चुनाव में बीजेपी ने कन्नौज सदर सीट से उम्मीदवार भी बनाया है। हालांकि जब से असीम अरुण ने वीआरएस लिया है उसके बाद से वह सुर्खियों में बने हुए हैं। अब तक दो बार आचार संहिता का उल्लंघन भी कर चुके हैं।
ताजा मामला एक वीडियो से जुड़ा हुआ है जिसे असीम अरुण ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी शेयर किया है। दरअसल असीम अरुण ने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें एक महिला पुलिसकर्मी उनकी तारीफ कर रही है और चुनाव में जीत के लिए शुभकामनाएं दे रही है। असीम अरुण ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, “आज मुझे व्हाट्सएप पर यह वीडियो किसी ने भेजा। वीडियो में यह युवती महिमा जी हैं, जो यूपी-112 में काम करती हैं और आपात सहायता पहुंचाने में बहुत अहम भूमिका निभाती हैं। महिमा, आपका बहुत आभार और आपको बहुत शुभकामनाएं।”
असीम अरुण द्वारा शेयर किए गए वीडियो में महिला पुलिसकर्मी कह रही है कि, “2020 में जब कोविड महामारी आई उस वक्त डायल 112 आपातकालीन सेवा में असीम अरुण एडीजी थे। उन्होंने सारे स्टाफ की सेहत और सुविधाओं का ख्याल रखा। असीम अरुण सर ने उस वक्त कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम जैसी सुविधा दी और तबीयत खराब होने पर हॉस्पिटल में एडमिट भी करवाया और कॉल पर सबका हाल-चाल भी लेते थे। सर हम आपको शुभकामनाएं देते हैं कि आप कन्नौज सदर सीट से विजयी होंगे और हम सबका ,युवाओं का उद्धार करेंगे।”
क्या कहते हैं नियम?: चुनाव आयोग के नियम के अनुसार अधिसूचना जारी होने के बाद कोई भी पुलिसकर्मी वीडियो बनाकर किसी भी प्रत्याशी का समर्थन नहीं कर सकता। अगर कोई पुलिसकर्मी ऐसा करता है तो विभाग का उस प्रत्याशी की तरफ झुकाव मान जाता है। इसलिए ऐसे वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करना चाहिए। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।
असीम अरुण खुद आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं और कानपुर के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं। उसके बाद भी उन्होंने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया। इसके पहले भी असीम अरुण ने वीआरएस लेने के बाद और बीजेपी में शामिल होने की घोषणा करने के बाद पुलिस की वर्दी में पुलिसकर्मियों के लिए एक संदेश जारी कर चुके थे।