नीति आयोग की तरफ से जारी किए गए स्वास्थ्य सेवा रिपोर्ट में यूपी के फिसड्डी आने पर राज्य में हंगामा मचा हुआ है। यूपी विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आई इस रिपोर्ट के कारण योगी सरकार, विपक्ष के निशाने पर आ गई है। अब नीति आयोग की ओर से कहा जा रहा है कि पिछले दो सालों में यूपी में काफी काम हुआ है।

नीति आयोग के सीओ अमिताभ कांत का कहना है कि यूपी में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा- “जो बड़े राज्य हैं, छोटे राज्य है, केंद्रशासित प्रदेश की अलग से रैंकिंग होती है। उसमें सबसे ज्यादा सुधार यूपी में हुआ है। 2017 के बाद यूपी में काफी सुधार हुआ है”।

नीति आयोग ने सोमवार को राज्य स्वास्थ्य सूचकांक जारी किया था, जिसमें सभी राज्यों के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के बारे में आंकड़े पेश किए गए थे। इस लिस्ट में केरल जहां सबसे ऊपर था, वहीं यूपी सबसे नीचे। हालांकि नीति आयोग की मानें तो स्वास्थ्य सुधार में यूपी नंबर एक पर है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि पिछले 2-3 वर्षों में यूपी में स्वास्थ्य प्रणाली में बहुत विकास हुआ है। इसके लिए उन्होंने राज्य को ‘प्रभावशाली प्रगति’ के लिए बधाई भी दी है।

यूपी के बाद प्रभावशाली प्रगति में असम शामिल है। इसके बाद तेलंगाना है। तेलंगाना ने समग्र और साथ ही प्रभावशाली प्रगति दोनों मामलों में अच्छा प्रदर्शन किया है और दोनों ही प्रारूपों में तीसरा स्थान हासिल किया है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना शीर्ष तीन में शामिल हैंं। बिहार और मध्य प्रदेश, दूसरे और तीसरे सबसे खराब प्रदर्शन करने राज्य हैं।

बता दें कि यूपी चुनाव से पहले स्वास्थ्य सेवा में खस्ता हाल को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर बड़ा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने लिखा कि जो सांसों के लिए जरूरी ऑक्सीजन के लिए भी झूठ बोले। वो सच में जीवन के लिए प्राणघातक होता है। हालांकि बीजेपी पिछले दो सालों के प्रदर्शन के आधार पर अपना बचाव कर रही है।