उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव से पहले, ब्राह्मणों की नाराजगी को लेकर खबरें आती रही हैं। दूसरी तरफ, ब्राह्मणों की इस ‘नाराजगी’ को दूर करने और उनको लुभाने की कोशिश में तमाम दल जुटे हुए हैं। समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की पूरी कोशिश करती दिखाई दे रही है। यूपी में अलग-अलग विधानसभा चुनावों के दौरान ब्राह्मणों द्वारा की गई वोटिंग के आंकड़ों का हवाला देते हुए समाजवादी पार्टी के नेता जितेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि ब्रह्मणों को अपने स्वाभिमान की रक्षा करना आता है।
आजतक के डिबेट शो ‘दंगल’ के दौरान एंकर चित्रा त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता से सवाल किया कि ब्राह्मण वोटर समाजवादी पार्टी पर क्यों भरोसा करे, ऐसा आपने उनके लिए क्या किया है जो ब्राह्मण आपकी तरफ जाएगा? इसके जवाब में जितेंद्र त्रिपाठी ने आंकड़े बताए और कहा, ”2019 में 82 फीसदी ब्राह्मणों ने भाजपा को वोट किया और 2017 के विधानसभा चुनाव में 80 फीसदी ब्राह्मणों ने भाजपा को वोट दिया और 2007 से चुनाव में काफी ब्राह्मण बसपा की तरफ शिफ्ट हुए थे।”
सपा नेता ने कहा, ”इसका मतलब यह है कि ब्राह्मणों को अपने स्वाभिमान की रक्षा करना आता है, अगर कोई पार्टी उसके साथ अच्छा बर्ताव और उसके स्वाभिमान की रक्षा नहीं करेगी तो ब्राह्मण वोट शिफ्ट हो जाएगा।” जितेंद्र त्रिपाठी ने कहा, ” यह वोट बैंक इसलिए शिफ्ट होगा कि 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही इन्होंने 15 सरकारी छुट्टियां रद्द कर दी थीं, जिसमें परशुराम जयंती भी थी। उसके तीन महीने बाद विवेक तिवारी की हत्या कर दी गई और ये हत्या पुलिस ने की थी। सीएम योगी अपने हठ, अपने अहंकार में उनके परिवार से मिलने नहीं गए थे और उनके परिवार को सीएम आवास पर मिलने के लिए बुलाया था।”
सपा नेता ने कहा, ”विकास दुबे कोई हीरो नहीं था लेकिन जिस तरह उसकी गाड़ी पलटी गई, वो किसी भी ब्राह्मण को अच्छा नहीं लगा। विकास दुबे एक अपराधी था और उसे अदालत में पेश करना चाहिए था। अदालत जो फैसला देती वह हमको मान्य होता। योगी आदित्यनाथ ने अपना फैसला दिया और उसकी गाड़ी पलट दी गई।”
जितेंद्र त्रिपाठी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ”तीन दिन पहले खुशी दुबे की शादी हुई थी, उसका क्या दोष था कि वो लड़की आज जेल में है। इंद्रमणि त्रिपाठी की महोबा में हत्या कर दी गई, जिस एसपी की वजह से उसकी हत्या हुई, वह फरार है और उसके ऊपर एक लाख रू का इनाम है। योगी सरकार आज तक उसे पकड़ नहीं पाई क्योंकि उसका सरनेम पाटीदार है और वह एक गुजराती है?”