यूपी में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बचा है। चुनाव आयोग ने भी समय पर ही चुनाव कराए जाने के संकेत दिए हैं। ऐसे में सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कोई रैलियां निकाल रहा है तो कोई सभाएं कर रहा है। चुनाव में टिकटों के लिए भी मारामारी जोर पकड़ रही है। इस बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की जन विश्वास यात्रा विभिन्न शहरों से गुजरती हुई जब कन्नौज पहुंची तो वहां मंच पर बैठने को लेकर स्थानीय नेताओं में सिर फुटौव्वल शुरू हो गया। नेता मंच पर आपस में ही भिड़ गए। खास बात यह है कि उस समय पर पार्टी के कई सीनियर नेता, मंत्री, सांसद और विधायक भी मौजूद थे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे से जमकर गाली गलौज की।

बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में मंच पर अव्यवस्था बैठने और टिकट पर चर्चा के दौरान हुई। आरोप है कि पार्टी के जिला उपाध्यक्ष विपिन दुबे के साथ कुछ लोगों ने हाथापाई की। उस वक्त मंच पर ऊर्जा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार एवं राष्ट्रीय सचिव भारतीय जनता पार्टी श्रीकांत शर्मा तथा स्थानीय सांसद सुब्रत पाठक भी मौजूद थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ता कुछ मिनट शांत रहने के बाद फिर भिड़ गए। जिला उपाध्यक्ष विपिन द्विवेदी का आरोप है कि उनके साथ विधायक अर्चना पांडे के समर्थकों ने मारपीट की।

इसको लेकर वरिष्ठ नेताओं ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को कुछ हिदायतें भी दीं और सचेत किया कि पार्टी में अव्यवस्था फैलाने और बदनामी कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उधर, पार्टी की जन विश्वास यात्रा बुधवार को फर्रुखाबाद पहुंची। यहां मुख्यमंत्री ने 196 करोड़ रुपए की 174 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद जन विश्वास यात्रा को संबोधित किया। उन्होंने कहा “आज आपने महाराष्ट्र एटीएस का एक बयान देखा होगा। उस समय कैसे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं एवं अन्य हिंदू नेताओं को झूठे मुकदमे में फंसाने का कार्य कर रहे थे।”

उन्होंने कहा “कांग्रेस की शरारत देश के खिलाफ एक अपराध है और कांग्रेस को इसके लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।” योगी का यह बयान 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के एक गवाह के मुकर जाने और मुंबई की एक अदालत में यह गवाही देने के बाद आया है कि तत्कालीन वरिष्ठ एटीएस अधिकारी परम बीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने उसे भाजपा तथा संघ के नेताओं का नाम लेने को कहा था। इनमें खुद योगी और इंद्रेश कुमार सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चार नेताओं के नाम शामिल थे।