यूपी चुनाव से पहले भाजपा छोड़ सपा में जाने की तैयारी कर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो गया है। मौर्य पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। इसी मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार सुलतानपुर के एमपीएमएलए कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ वारंट जारी किया है। मौर्य पर ये केस उस बयान को लेकर चल रहा है, जिसमें उन्होंने बसपा में रहने के दौरान हिन्दू देवी-देवताओं पर विवादित बयान दिया था। इसी बयान के लिए मौर्य पर मुकदमा दर्ज किया गया था और पिछले सात साल से ये केस चल रहा है।
मौर्य को आज अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। अब उन्हें धार्मिक नफरत भड़काने के एक मामले में 24 जनवरी को अदालत में पेश होने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को ही होगी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने तब एक सभा में कहा था- “शादी के दौरान देवी गौरी या भगवान गणेश की पूजा नहीं की जानी चाहिए। यह दलितों और पिछड़ी जातियों को गुमराह करने और गुलाम बनाने के लिए उच्च जाति-प्रभुत्व वाली व्यवस्था की साजिश है।”
बता दें कि एक दिन पहले ही मौर्य ने भाजपा सरकार से इस्तीफा दिया था और सपा में जाने की बात कही थी। इसके एक दिन बाद ही उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया। स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 में बीजेपी में शामिल हुए थे। राज्य के ओवीसी चेहरों में से एक मौर्य को ओवीसी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी लेकर आई थी। योगी सरकार में स्वामी प्रसाद मौर्य को मंत्री भी बनाया गया था।
करीब पांच साल बीजेपी में रहने के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया है और इस्तीफे के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मुलाकात भी की है। मौर्य सपा में जाने का इशारा भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वो 14 जनवरी को इसपर फैसला लेंगे।