अप्रैल की गर्म हवाओं के बीच पूर्वी राजस्थान में गंगापुर सिटी ज़िले का एक छोटा सा गांव ‘सेवा’ लोकसभा चुनाव के शोर का गवाह बन रहा है। यह सड़क गंगापुर शहर को करौली ज़िले से जोड़ती है, जहां टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा की सीमाएं ठहर जाती हैं। गाड़ी के काफिले और राजनीतिक नारों की गूंज के बीच यहां भीड़ से घिरे हरीश चंद्र मीना लोगों से कुछ बात कर रहे हैं। 

 राजस्थान के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) (हरीश चंद्र मीना) अब कांग्रेस के टिकट पर टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा से प्रत्याशी हैं। 2014 में दौसा लोकसभा से बीजेपी के टिकट पर अपने ही भाई नामोनारायण मीणा को हराने वाले हरीश मीना के साथ जनसत्ता.कॉम ने विशेष बातचीत की है। उनके सामने बीजेपी की ओर से मौजूदा विधायक सुखबीर सिंह एक बार फिर मैदान में हैं। यहां 26 अप्रैल को दूसरे चरण के दौरान मतदान होना है।

सवाल : क्यों प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए? 

जवाब : मेरी रूचि है। जनता का आदमी हूं जनता के बीच रहता हूं। वो भी सेवा थी यह भी सेवा है। 10 साल से जनता के बीच रह रहा हूं। 

सवाल :आपक चुनाव इस बार किस तरह अलग है और किन मुद्दों के साथ लोगों के बीच जा रहे हैं? 

वो लोकसभा (दौसा) अलग थी यह लोकसभा अलग है, 10 साल में जनता ने बहुत कुछ सीखा है और समझा है। मैं मानता हूँ पूरे हिंदुस्तान के लोग,हर जाति, धर्म,प्रदेश बीजेपी से परेशान हो चुके हैं। धरातल पर कुछ हो नहीं रहा। हमारे टोंक सवाईमाधोपुर लोकसभा में जो सांसद हैं उन्होंने 10 साल में यहां कुछ नहीं किया। यहां तक कि ना किसी गांव में आए,ना काम किया और जो इन्हें 10 साल की सांसद निधि को जो अनुदान मिला है उसका भी हिसाब नहीं दे रहे हैं कि पैसा कहां गया? उन्हें राजस्थान की जनता से कोई मतलब नहीं है। यहां जनता ने मानस बना लिया है कि यहां राजस्थान का आदमी जीतेगा। हम यहां गरीबी, पीने का पानी, ERCP के मुद्दे पर काम करेंगे और जनता का विश्वास हासिल करेंगे। 

सेवा गांव (photo by Mohammad Qasim

सवाल: राम मंदिर पर बीजेपी कांग्रेस से सवाल कर रही है, आप इसपर क्या कहते हैं? 

राजनीति जनता की होती है, जनता के मुद्दों पर होती है। जनता के विकास की होती है। राजनीति जाति और धर्म की नहीं होती है। महंगाई के मुद्दे पर हम लड़ना चाहते हैं, बेरोजगारी हमारा मुद्दा है। यह हैं मुद्दे। जिनपर कांग्रेस पार्टी लड़ रही है। जिसका बीजेपी जवाब नहीं देना चाहती है और यहां के सांसद को तो पता ही नहीं है इन मुद्दे को बारे में, यह उनकी गलती नहीं है, पढ़ा लिखे नहीं है तो नहीं है। 

सवाल : किरोड़ी लाल मीणा आपके लिए चुनौती हैं? 

राजनीति में व्यक्तियों का और व्यक्तिवाद का कोई स्थान नहीं है। विचार और विचारधारा का चुनाव होता है। मुद्दों का चुनाव होता है और मुद्दे राष्ट्रीय होते हैं, तो मैं किसी शख्स पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, पर इस क्षेत्र में शिक्षा बहुत ज़्यादा है और सब लोग जानते हैं कि उनको शिक्षा तब मिलेगी जब आरक्षण बाकि रहेगा। हम आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं, संविधान के लिए लड़ रहे हैं। छोटे से छोटा बच्चा यह जानता है कि अगर बीजेपी आएगी तो उनका आरक्षण जाएगा। आरक्षण सिर्फ एसटी एससी का नहीं है, ओबीसी का भी है, सवर्ण का भी है। लोग आरक्षण को बचाने, संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। 

गंगापुर सिटी विधायक रामकेश मीणा के साथ हरीश मीना (photo by Mohammad Qasim)

सवाल : संविधान की इतनी बात क्यों, किससे खतरा है? 

खतरा बीजेपी से है। खतरा यह है कि बीजेपी जनमत, लोकतंत्र को खत्म कर रही है। इसका उदाहरण दिल्ली सीएम केजरीवाल, हेमंत सोरेन हैं। 

सवाल : आप पर दल बदलने का आरोप लगता है, क्या कहेंगे? 

दो बीजेपी रही हैं। एक वाजपेयी जी की बीजेपी थी और एक अब वाली बीजेपी है। बीजेपी में फर्क आ गया है। वाजपेयी जी ने एक सांसद के लिए अपनी सरकार खो दी थी और आज क्या हो रहा है, आप यह देख रहे हैं। 156 सांसदों को एक दिन में सस्पेंड किया जा रहा है, यह क्या है? पार्टी अलग है, नेता अलग हैं और वक्त के मुताबिक काफी लोग समझ रहे हैं। 

सेवा गांव में हरीश मीना का स्वागत करते लोग (Photo by Mohammad Qasim)

सवाल : ‘मोदी फैक्टर’ आपकी सीट को प्रभावित करेगा? 

दोनों की चमक कम है। ना यहां के सांसद और ना प्रधानमंत्री मोदी की कोई चर्चा है। जौनपुरिया जी का हर गलत काम में नाम है। उनके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता। मोदी जी के नाम पर कोई हवा नहीं है। लोगों ने उनका विश्वास किया 2014 में,काफी हद तक 2019 में भी किया और अब 2024 आते-आते ‘मोदी फैक्टर’ खत्म हो गया। जनता सवालों के जवाब चाहती है। आश्वासन नहीं चाहती, गारंटी नहीं चाहती। जनता चाहती है कि सरकार जवाब दे कि धरातल पर क्या हो रहा है, कितनी महंगाई कम हुई, कितनी गरीबी कम हुई। कितनी बेरोजगारी कम हुई। 

सवाल : ‘बजरी माफिया’ को लेकर मौजूदा सांसद ने आपके ऊपर आरोप लगाए हैं, क्या कहेंगे? 

जवाब : अपराधी प्रवृत्ति का आदमी क्या कहता है इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता है। मैं इसपर कोई टिप्पणी करूँ इसकी जरूरत नहीं है। जनता जवाब देगी कि कौन क्या है?