Maharashtra Assembly Election 2019: महाराष्ट्र की प्रमुख राजनीतिक पार्टी शिव सेना का गठन वर्ष 1966 में हुआ था। पार्टी के गठन को 52 साल से ज्यादा हो गए लेकिन अभी तक ठाकरे परिवार के किसी सदस्य चुनावी जनादेश मांगने नहीं गए। यह हमेशा ‘रिमोट कंट्रोल’ बने रहे। पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे का राजनीति करने का यह पसंदीदा तरीका था। हालांकि, ठाकरे परिवार अब इतिहास को बदलने वाला है। शिव सेना और ठाकरे परिवार में जल्द ही काफी बदलाव होने जा रहा है। अक्टूबर महीने में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में बाल ठाकरे के पौत्र और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे राज्य के वर्ली या सेवरी से चुनाव लड़ सकते हैं।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला है। महाराष्ट्र में शिव सेना एनडीए में शामिल है और इसने भी 18 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद 28 वर्षीय युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य राज्य की राजनीति में प्रवेश करने वाले हैं। एक दिन पहले आदित्य के चचेरे भाई और युवा सेना के कार्यकर्ता वरुण सरदेसाइ ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर इसके संकेत दिए। पोस्ट में लिखा, “यही समय है, यही अवसर है, मिशन विधान सभा 2019। महाराष्ट्र आदित्य ठाकरे का इंतजार कर रहा है।”
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, आदित्य शिव सेना के पकड़ वाले विधानसभा वर्ली या सेवरी से चुनाव लड़ सकते हैं। शिव सेना के सचिव मिलिंद नारवेकर, जो कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के निजी सहयोगी भी हैं, ने संकेत दिए कि आदित्य अक्टूबर में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
नवेरकर ने कहा, “पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें (आदित्य) को चुनाव लड़ने का सुझाव दिया है। इससे पार्टी को तो फायदा होगा ही, राज्य को युवा नेतृत्व भी मिलेगा। हम उन्हें चुनाव लड़ाना चाहते हैं, लेकिन आखिरी फैसला उन्हीं को करना है।” फिलहाल वर्ली से शिव सेना के सुनील शिंदे सांसद हैं, जबकि सेवरी से पार्टी के अजय चौधरी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।” चुनाव लड़ने की के सवाल पर आदित्य ठाकरे ने किसी तरह की टिप्पणी नहीं की लेकिन कई मौकों पर वे संकेत दे चुके हैं कि ठाकरे परिवार से वे पहले सदस्य हो सकते हैं, जो जनता के बीच जाकर उनसे जनादेश मांग सकते हैं।