किसान नेता राकेश टिकैत आज एक चैनल इंडिया टीवी के चुनावी मंच पर बुरी तरह से भड़क गए। दरअसल, एक प्रोग्राम में बैकग्राउंड इमेज में मंदिर मस्जिद की फोटो दिख रही थी। टिकैत ने एंकर पर भड़कते हुए कहा कि ये किसके इशारे पर कर रहे हो। उनका कहना था कि कैमरा कलम पर बंदूक का पहरा है। एंकर से उनकी बहुत तीखी बहस हुई।
टिकैत ने यहां तक कहा कि चैनल वाले देश को बर्बाद करना चाहते हैं। एंकर ने उनकी बात का जवाब दिया तो टिकैत बेहद गुस्से में आ गए। उनकी एंकर के साथ लाइव प्रोग्राम में बेहद तीखी झड़प हुई। उनका कहना था कि चैनल एक खास पार्टी का प्रचार कर रहा था। एंकर ने जब इमेज पर सफाई दी तो किसान नेता का कहना था कि मंदिर मस्जिद के बजाए अस्पताल की तस्वीर दिखाओ।
हरियाणा में बिजली का रेट 15 रुपये हार्सपॉवर है। वहीं यूपी का रेट 175 रुपये है। यहां 12 गुना ज्यादा बिजली का रेट है। टिकैत का कहना था कि ये लोग धोखेबाजी से चुनाव जीतना चाहते हैं। एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि बीजेपी झूठ बोलने में एक नंबर पार्टी है। इसे गोल्ड मेडल देना चाहिए। दरअसल उनसे पूछा गया था कि योगी सरकार दावा कर रही है कि छोटे किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया किया।
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किसान नेता का कहना था कि उनका चुनाव से कोई लेनादेना नहीं है। आधे रेट में फसल बेचकर और 12 गुना बिजली का बिल देकर जिसको जहां वोट देना है दे सकता है। उनका कहना था कि किसान पर कर्ज क्यों हुआ? इन्हें किसान क्रेडिट कार्ड में बदलाव करना होगा। किसान एक लाख रुपये पर दस हजार रुपये का ब्याज देगा। उनका कहना था कि किसान को केंद्र छह हजार रुपये सालाना दे रहा है। फसलों के दाम से कर्ज हो रहा है। किसान की फसल कम दाम पर जा रही है। इससे जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई कौन करेगा।
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— India TV (@indiatvnews) January 29, 2022
टिकैत का कहना था कि किसान आंदोलन के बाद किसान का मुद्दा राजनीतिक दलों के एजेंडे में आया है। अब वो किसानों की बात करने लगे हैं। राजनीतिक दलों को लगने लगा है कि अब किसानों को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ने के भुगतान को लेकर उनका कहना था कि जब रेट ही नहीं बढ़ा तो भुगतान ज्यादा कहां से कर दिया।
उनका कहना था कि अखिलेश ने 65 और मायावती ने 120 रुपये की बढ़ोतरी की थी। जबकि बीजेपी ने महज 35 रुपये। एक सवाल पर उनका कहना था कि गन्ना मंत्री से पूछो कि पिछले साल जो गन्ना मील में दिया था उसका भुगतान अभी तक हुआ कि नहीं?