राजस्थान की सबसे हाईप्रोफाइल सीट मानी जाने वाली झालरापाटन पर सियासी मुकाबला भी हाईवोल्टेज होता जा रहा है। पहले यहां से कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह को टिकट दे दिया जो खुद हाल ही में भाजपा से आए हैं। मानवेंद्र दिग्गज भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे हैं। वसुंधरा के खिलाफ मानवेंद्र की जंग अब इसलिए भी दिलचस्प हो गई है क्योंकि यहां वसुंधरा के परंपरागत समर्थक माने जाने वाले राजपूत इस बार उनके खिलाफ हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक राजपूतों के संगठन करणी सेना ने भी मानवेंद्र सिंह को समर्थन का ऐलान कर दिया है।
वसुंधरा से इसलिए नाराज हैं राजपूतः उल्लेखनीय है कि बीते पांच सालों में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम, आरक्षण, आनंदपाल एनकाउंटर जैसे कई मसलों के चलते राजपूत समुदाय इस बार भाजपा से नाराज दिख रहा है। ऐसे में 15 सालों से झालरापाटन से विधायक और दूसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं वसुंधरा को इस बार अपने परंपरागत समर्थकों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। इससे मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। वसुंधरा पहली बार 1985 में धौलपुर से विधायक बनी थीं। इसके बाद वे पांच बार लगातार लोकसभा सांसद भी चुनी गईं।
…इसलिए भारी हैं राजपूतों का गुस्साः राज्य में राजपूत मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद है। राजस्थान राजपूती रजवाड़ों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में राजपूतों का लगभग हर क्षेत्र में अच्छा खासा समर्थन देखने को मिलता है। ऐसे में हर पांच साल में सत्ता बदलने वाला राजस्थान में इस बार राजपूत फैक्टर का असर देखने को मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि राज्य में 200 विधानसभा सीटें हैं और सभी पर 7 दिसंबर को मतदान होना है। वहीं 10 दिसंबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। राजपूत करणी सेना ने एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें महिपाल सिंह मकराना को वसुंधरा सरकार का विरोध करते दिखाया है।