राजस्थान की सांचौर सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ मानी जाती थी लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में ये बात सिरे से खारिज हो चुकी है। इस सीट पर मतगणना पूरी होने के बाद आए परिणामों के अनुसार, निर्दलीय उम्मीदवार जीवा राम चौधरी ने कांग्रेस के सुखराम विश्नोई और बीजेपी के देवजी पटेल जैसे बड़े नामों को हराकर इस सीट से जीत दर्ज की है।
किसे मिले कितने वोट, क्या रहा जीत का अंतर ?
संचौर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी जीवा राम चौधरी को 95518 वोट मिले हैं, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के सुखराम विश्नोई को 90847 वोट मिले हैं। जीवा राम चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी सुखराम विश्नोई को 4671 वोटों के अंतर से हराया है। तीसरे नंबर बीजेपी के देवजी पटेल रहे हैं जिन्हें, 30553 वोट मिले हैं।
पिछले दो बार से लगातार सुखराम बिश्नोई इस सीट से जीतते आ रहे हैं, इसी वजह से कांग्रेस ने फिर उन पर ही भरोसा जताया है। वहीं बीजेपी की बात करें तो उसकी तरफ से सबसे बड़ा दांव चला गया है। उसने अपने लोकसभा विजेता सांसद देवजी पटेल को चुनावी मैदान में उतार दिया है। ऐसे में दोनों के पास अपना काम दिखाने का पूरा मौका है, एक बतौर विधायक अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहा है तो दूसरा बतौर सांसद अपनी उपलब्धियां गिनवा रहा है।
बीजेपी हर बार इस सीट से अपना प्रत्याशी बदल देती है। साल 1990 और 2003 में उसने जरूर ये सीट अपने नाम की थी, लेकिन उसके बाद से निर्दलीय और कांग्रेस का ही दबदबा देखने को मिला। साल 2003 में बीजेपी ने सांचौर से जीवाराम चौधरी को टिकट दिया था, उन्होंने वो चुनाव जीतकर भी दिखा दिया। लेकिन फिर 2008 के चुनाव में सभी को चौकाते हुए पार्टी ने मिलाप चंद मेहता को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। उस चुनाव में नाराज होकर जीवाराम ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर ली। इसके बाद 2013 से इस सीट पर कांग्रेस का राज देखने को मिल रहा है और सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं सुखराम बिश्नोई।
सांचौर क्षेत्र की बात करें तो यहां किसान, नौकरी पेशा आदमी और व्यापारी बड़ी तादाद में मिल जाते हैं। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा इसबगोल और जीरा का उत्पादन होता है। आधुनिक तकनीक ते जरिए भी खेती यहां पर होती दिख जाती है। नर्मदा नहर का वरदान भी इस इलाके को सालों से मिलता आ रहा है।