हरदा में तीसरे चरण की मतगणना होने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी कमल पटेल, कांग्रेस के डॉ. आरके दोगने से आगे चल रहे थे। लेकिन अब कांग्रेस, भाजपा से 453 वोट आगे चल रही है। हरदा सीट की बात करें तो ये आदिवासी बाहुल इलाका है, लेकिन यहां पर गुर्जर वोट भी अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा क्षत्रिय और ब्राह्मण वोटर्स भी निर्णायक भूमिका निभा जाते हैं। इस बार भी इन्हीं वोटर्स के दम पर इस सीट की किस्मत तय होने वाली है। पिछले चुनाव की बात करें तो यहां पर बीजेपी को काफी कड़ा मुकाबला मिला था, कमल पटेल सिर्फ 6,667 वोटों से ही जीत दर्ज कर पाए थे। इस सीट पर पुरुष वोटर्स की संख्या 1,10,785 है तो वहीं महिला वोटर्स की संख्या 99,794 चल रही है।
वैसे हरदा सीट पर कमल पटेल ने अपनी छाप मजबूती से छोड़ रखी है। 1998 में वे बीजेपी टिकट पर जीते, 2003 में भी जीते लेकिन फिर 2013 के चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गए। इसके बाद पिछले चुनाव में उन्होंने फिर वापसी की और हरदा में कमल खिला। अब इस बार इसी सीट पर कौन बाजी मारने वाला है, इस पर सभी की नजर रहेगी।
हरदा सीट की बात करें तो यहां तो आटा मिले हैं ऐसे में यहां से विदेश में भी इसका निर्यात किया जाता है। यहां पर लकड़ी का उद्योग का भी खासा मशहूर है और ये भी व्यापार का एक बड़ा साधन रहता है।