राजस्थान में अब तक मोटे तौर पर भाजपा और कांग्रेस में ही मुकाबला देखने को मिलता था। लेकिन इस चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने पूरा समीकरण बदल दिया है। पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने चुनाव बाद की स्थिति पर भी अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि रालोपा और सहयोगी दलों को करीब 25 फीसदी से भी ज्यादा सीटें मिल रही है। ऐसे में यदि भाजपा या कांग्रेस में से किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो वे किसी का भी समर्थन नहीं करेंगे।
समर्थन नहीं देंगे, दोबारा चुनाव की मांग करेंगेः बेनीवाल ने कहा कि किसी को समर्थन देने की बजाय वे दोबारा चुनाव कराने की मांग करेंगे। अपने भाषणों में बेरोजगारी, युवाओं और किसानों पर फोकस कर रहे बेनीवाल ने 10 हजार रुपए का बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी। इसके बाद भाजपा ने इस मसले को अपने घोषणापत्र में शामिल किया। बेनीवाल इन दिनों धुआंधार प्रचार में जुटे हैं। बुधवार को उन्होंने कोटपूतली, सीकर, झुंझुनूं और नीम का थाना में छह सभाएं और रोड शो किए।
57 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं बेनीवाल नेः उल्लेखनीय है कि बेनीवाल ने राज्य की 200 में से 57 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। वहीं उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के कई नाराज नेताओं से भी हाथ मिलाया है। इस चुनाव में वे भाजपा को खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं। राज्य में 7 दिसंबर को मतदान होना है और उसके बाद 11 दिसंबर को नतीजों का ऐलान होगा। अब तक राज्य में हर पांच साल में सत्ता बदलने का ट्रेंड रहा है। इस बार भी मुकाबला दिलचस्प हो गया है।