पूर्व मुख्यमंत्री एवं पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी (पीएलसी) के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह चूंकि हलका पटियाला-अर्बन से अपना विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस से बाहर होने के बाद यह चुनाव उनकी नाक का सवाल बन गया है। यही वजह है कि उनकी पत्नी एवं कांग्रेस सांसद परनीत कौर को वहां अपने पति की गैर-मौजूदगी में मोर्चा संभालना पड़ रहा है। वे मतदाता को याद दिला रही हैं कि यह चुनाव अब कैप्टन के लिए राजनीतिक जंग में उनकी नाक का सवाल बन गया है।

अपने पति की पार्टी में उनकी गठबंधन सहयोगी भाजपा का समर्थन करने के कारण परनीत को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता की वजह से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, इसके बावजूद वे पटियाला में पति के हक में डटकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। वहां कांग्रेस की ओर से पूर्व महापौर विष्णु शर्मा को अमरिंदर के गढ़ में उतारा गया है लेकिन परनीत कौर कांग्रेस सांसद होने के बावजूद उनके हक में प्रचार करने नहीं जा रहीं। पटियाला के खालसा मोहल्ला में एक नुक्कड़ सभा में उन्होंने लोगों से कहा कि शाही पटियाला घराने की वधू होने के नाते उन्होंने कैप्टन को पार्टी से ऊपर रखा है। वे अमरिंदर सिंह को ‘महाराजा साहिब’ के नाम से संबोधित करते हुए जनता से उनके लिए वोट मांगती हैं।

और वे कहती हैं, आप सबने हमें इतना प्यार दिया, कदे वी पता नइं लग्गण दित्ता। अब एक बार फिर आप सब उनके स्वयंसेवी बन जाइए और महाराजा अमरिंदर सिंह के हक में 10-20 लोगों को वोट करने के लिए प्रेरित करिए। हमें लोगों को बताना होगा कि इस बार कांग्रेस के हाथ पर नहीं बल्कि हाकी की स्टिक एंड बाल पर मुहर लगानी है। यह बात वह एक नारा बुलंद करते हुए कहती हैं, ‘चक दे पटियाला, चक दे पंजाब, चक दे इंडिया, डबल इंजन दी सरकार, मोदी जी दे नाल।’

पटियाला में ही शिव मंदिर चौक पर एक और जनसभा में परनीत कौर अपने पति की बतौर मुख्यमंत्री उपलब्धियां गिनाते हुए कहती हैं, ‘मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से पूछिए। जब पंजाब में 20 लाख लोगों को नौकरियां दी गईं तो वही उस महकमे के मंत्री होते थे। तब कैसे नौकरी मेले लगाए जाते थे। वे यह सब अब जनता को क्यों नहीं बताते।’

इस मौके पर परनीत कौर पटियाला-अर्बन से आम आदमी पार्टी- ‘आप’ के उम्मीदवार अजीत पाल सिंह कोहली के बारे में जनता को याद दिलाते हुए कहती हैं, कभी यह अकालियों के मेयर होते थे और अब वे आम आदमी बन गए हैं। आपको पता होना चाहिए कि किसी शहर का मेयर हलका विधायक से कम नहीं होता। जब पंजाब में सरकार अकालियों की थी तब उन्होंने शहरवासियों की भलाई के लिए लिए क्या किया और अब वे ‘दिल्ली माडल’-‘दिल्ली माडल’ की रट लगा रहे हैं।

हमारी बेटी जय इंदर कौर ने बहुत मेहनत की जब वे हर स्कूल का स्तरोन्नयन सुनिश्चित कराने के लिए भागदौड़ करती रहीं। केजरीवाल जी, हमें किसी दिल्ली माडल की जरूरत नहीं। जो भी हो, पंजाब में बदलाव की खूब बातें हो रही हैं और पटियाला इससे अछूता नहीं क्योंकि मेरी बात का समर्थन करते हुए लीला भवन मार्केट में नूर फेब्रिक्स के मालिक जोगिंदर सिंह कहते हैं- हमने सबको आजमाकर देख लिया। इस बार बात बदलाव की है। मैं भी बदलाव के लिए वोट दूंगा। मुझे नहीं पता कि पटियाला के लोग क्या सोचते हैं।

इस तरह, पटियाला शहर में अमरिंदर सिंह की सौगंध खाने वाले कई हैं। टाप खन्ना मोड़ नामक पंजाबी जुत्ती कार्नर के मालिक मंगत राम का कहना है, ‘कांग्रेस आए या न आए, कैप्टन साहिब हमारे नेता हैं। पटियाला की पहचान ही अमरिंदर सिंह से है। मैं तो कैप्टन साहिब को ही वोट दूंगा।’स्थानीय लीला भवन चौक के समीप फल विक्रेता धर्म पाल का कहना है, ‘अमरिंदर सिंह ने 2017 का पंजाब विस चुनाव 52,407 वोटों के भारी अंतर से जीता था। हमने उन्हें पहले भी कई बार आजमाया है। जब वे मुख्यमंत्री थे तो शहर में आए ही नहीं और अब मैं उन्हें वोट नहीं दूंगा। मैं अकाली उम्मीदवार हरपाल जुनेजा के हक में वोट करूंगा।’

शहरवासियों के ऐसे सवालों के जवाब में परनीत कौर कहती हैं, ‘कोविड-19 संक्रमण ने बहुत नुकसान किया है। कई बार हम कुदरती कहर के सामने ठहर नहीं पाते। कोविड संक्रमण ने भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में तबाही मचाई है। बीते दो साल में तो सब कुछ ठहर-सा गया था।’