पंजाब का जिला मानसा खेतीबाड़ी के साथ-साथ व्यापक धरना-प्रदर्शनों और आंदोलनों के लिए भी जाना जाता है। यही वजह है कि मानसा भारत के पुनर्गठन से पूर्व पटियाला रियासत के खिलाफ मुजरा आंदोलन का भी गढ़ रहा है। यहां तक कि कृषि कानूनों के खिलाफ किए गए किसान आंदोलन में भी जिलावासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। यहां जिले में कुल 5,92,838 मतदाता हैं। इसमें तीन हलके आते हैं- मानसा, बुढलाडा और रदूलगढ़। यह इलाका वैसे तो प्रदेश में नरमा पट्टी के अधीन आता है लेकिन यहां धान, सब्जियां भी उगाई जाती हैं।

इलाके में किसान संघ बेहद सक्रिय रहते हैं और मानसा पंजाब का ऐसा एकमात्र जिला है जहां जनता ने पिछले साल भाकपा बहुल जोगा नगर परिषद चुनी थी। इससे पहले भी उक्त तीनों हलकों से भाजपा विधायक भी निर्वाचित होते आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, अधिकांश मौकों पर मानसावासियों ने विरोधी दलों से भी विधायक चुने और यहां सीमित विकास की शायद यह भी एक वजह रही।
मानसा
मानसा हलका दरअसल, एक अर्ध-ग्रामीण हलका है जहां लोग मुख्यरूप से नरमा, धान और शिमला मिर्च, फूल गोभी आदि सब्जियों की खेती करते हैं। मानसा की यही दो सब्जियां पूरे पंजाब में मशहूर हैं जहां कुछ किसान इनका निर्यात भी करते हैं। यहां से निर्वाचित विधायक आप से नजर सिंह मनशाहिया हैं, जबकि वर्ष 2012 में शिअद के प्रेम मित्तल, वर्ष 2002 और 2007 में दोनों बार कांग्रेस के शेर सिंह गग्गोवाल निर्वाचित हुए थे।

मानसा से कांग्रेस ने चर्चित पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को उम्मीदवार बनाया है जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और अपनी गायकी की वजह से उनके बड़ी संख्या में समर्थक भी हो गए हैं। दूसरी ओर शिअद के प्रेम कुमार अरोड़ा और ‘आप’ के विजय सिंगला यहां विस चुनाव मैदान में हैं जबकि संयुक्त समाज मोर्चा- एसएसएम ने गुरनाम सिंह भिखी को अपना प्रत्याशी बनाया है। मानसा में जलभराव एक बड़ी समस्या है। जनवरी के दूसरे सप्ताह की हालिया बारिश के दौरान भी स्थानीय बाशिंदे समय-समय पर कई बार सोशल मीडिया पर जलभराव के वीडियो बनाकर डालते रहे हैं।
बुढलाडा
किसान आंदोलन के दौरान बुढलाडा के रेलवे स्टेशन पर ही किसानों ने पक्का धरना लगाया था जिसे महिलाओं ने ही व्यापक स्तर पर संचालित कर दिखाया था। इसी हलके का गांव बीरेवाला डोगरा तब सुर्खियों में आया था जब स्थानीय वासी सैनिक गुरतेज सिंह चीन के साथ सीमा विवाद के दौरान वहां गलवान घाटी में शहीद हो गए थे। वर्ष 2012 के बाद से यह हलका एससी प्रत्याशी के लिए आरक्षित कर दिया गया है।

यहां से आप की टिकट पर निर्वाचित प्रिंसिपल बुध राम मौजूदा विधायक हैं जबकि वर्ष 2012 में शिअद के चतिन सिंह समाओ, वर्ष 2007 में कांग्रेस के मंगत राम बंसल और वर्ष 2002 में शिअद के हरबंस सिंह निर्वाचित विधायक रहे। अब कांग्रेस ने यहां से रणवीर कौर मियां को अपना प्रत्याशी बनाया है। शिअद की टिकट पर डा. निशान सिंह कौलधार यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं जबकि आप ने यहां से मौजूदा विधायक प्रिंसिपल बुध राम को ही टिकट दिया है।
सरदूलगढ़
सरदूलगढ़ हलका दरअसल, हरियाणा के जिला सिरसा से सटा है जहां मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी बसती है। चूंकि यहां से अधिकतर समय विपक्षी धड़े के ही विधायक निर्वाचित होते आए हैं इसलिए यहां विकास भी कम हुआ। यहां बनवाली ताप बिजलीघर निजी बिजलीघर है। यहां से मौजूदा विधायक शिअद से दिलराज सिंह भिंडर हैं, जबकि वर्ष 2007 और 2012 में दोनों बार कांग्रेस के अजीत सिंह मोफर विधायक निर्वाचित हुए जबकि वर्ष 2002 में शिअद से बलविंदर सिंह भिंडर चुने गए थे। इस बार शिअद ने भिंडर को ही अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि आप के मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह बन्नावाली प्रत्याशी हैं और एसएसएम की ओर से गोरा सिंह मियां को प्रत्याशी बनााया गया है जबकि कांग्रेस ने अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किया।