बनूड़ के समीप गांव टंगोरी वासी 31 साल की शीला को इस बात की बड़ी खुशी है कि यदि आगामी पंजाब विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी- ‘आप’ की सरकार बन गई तो उसे हर महीने 1,000 रुपए मिल जाया करेंगे क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ऐसी घोषणाअपने चुनावी वादे में कर रखी है। हालांकि रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक कदम आगे बढ़कर वादा किया कि सूबे में यदि सरकार कांग्रेस की बनती है तो वह हर महिला को हर महीने 1,100 रुपए देंगे।
चन्नी की इस घोषणा ने शीला को दुविधा में डाल दिया है क्योंकि अब वे सोच रही हैं, मैं अब वोट किसे दूं? मेरे गांव में हर कोई आप की ही चर्चा कर रहा है लेकिन कुछ महिलाएं सोचती हैं कि क्यों न कांग्रेस को वोट दिया जाए क्योंकि वह तो जीतने पर हमें 1,100 रुपए प्रतिमाह देने वाली है। मैंने कल चन्नी के इस एलान को टीवी पर सुना था।
दरअसल, राजनीतिक दलों के इन मुफ्त के चुनावी वादों के चक्कर में भ्रमित होने वाली शीला अकेली नहीं हैं। चन्नी के ही हलका चमकौर साहिब के गांव रौड़ा वासी चरण कौर कहती हैं, ‘हमें अच्छे से पता है कि चुनाव जीतने के बाद कोई भी अपना वादा पूरा नहीं करने वाला लेकिन यह सब हमें लुभा जरूर रहे हैं। यह जानते-समझते हुए कि राजनीतिक दलों के ऐसे लोक-लुभावन वादे जनता को खूब पसंद आते हैं, तो राजनेता क्यों ऐसा करने में पीछे रहें और यही वजह है कि विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में ऐसे वादों की मानो झड़ी लगी है। ऐसे चुनावी वादे करने में पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी और दिल्ली के मुख्यमंत्री सबसे आगे हैं।
केजरीवाल ने अपनी चुनावी घोषणा में 18 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को पंजाब आप की सरकार बनने पर हर महीने 1000 रुपए देने का वादा किया है। असल में उनकी इस घोषणा पर बहस इसलिए हो रही है क्योंकि पंजाब में 1.10 करोड़ महिलाएं हैं और राज्य में बिजली पर देय 10 हजार करोड़ रुपए की सबसिडी का बोझ पहले से है। यानी इस नई घोषणा के बाद पंजाब पर इतना ही बोझ और पड़ने वाला है जो पहले ही 2.5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज तले दबा है।
लेकिन बताया जाता है कि कांग्रेस को लगता है कि महिलाएं हर माह 1,000 रुपए रकम के प्रलोभन में आप की ओर आकर्षित हो रही हैं। यही सोचकर कांग्रेस ने रविवार को अपना भी पत्ता फेंका और मुख्यमंत्री चन्नी ने रविवार को प्रियंका गांधी की उपस्थिति में चुनावी रैली के मंच से पंजाब की महिलाओं के लिए 1,100 रुपए देने का वादा कर दिया। उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए हर साल आठ एलपीजी सिलेंडर देने का भी वादा कर दिया।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर सवाल उठाया कि यदि ‘आप’ सत्ता में आ भी गई तो अपना वादा पूरा करने के लिए रकम कहां से लाएगी। वैसे अमरिंदर और उनके गठबंधन में सहयोगी भाजपा की ओर से यह घोषणा की गई है कि वे पांच एकड़ से कम जमीन वाले सभी किसानों का कृषि कर्ज पूरा माफ कर देंगे।
इधर पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार कहा कि रेत तो अब भी पहले वाले दाम पर ही मिल रही है। उधर, मुख्यमंत्री चन्नी ने भी केवल शुल्क 100 रुपए प्रतिमाह तक सीमित कर देने की घोषणा कर दी और उन्होंने एक नए विवाद को भी जन्म दे दिया है क्योंकि अब कई नेता कहने लगे हैं कि वे निजी केबल संचालकों की ओर से वसूले जा रहे शुल्क का दायरा तय नहीं कर सकते।
आप से बागी हुए उसके ही खरड़ से विधायक कंवर संधू जो पहले भी यह मसला उठाते आए हैं, का कहना है कि केबल शुल्क की सीमा केवल कानून बनाकर ही सीमित की जा सकती है। संधू का कहना है कि राजनीतिक दलों की ओर से आए दिन लुभावने वादों का एलान पंजाब के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा। उनका कहना है कि ऐसी घोषणाएं करने से पहले इन पर शोध किया जाना जरूरी है, चूंकि पंजाब पहले ही कर्ज के बोझ तले दबा है, ऐसे में इन वादों पर अमल कैसे हो पाएगा, यह बड़ा सवाल है। तब विकास के लिए पैसा कहां से आएगा।