पंजाब चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी में बेइज्जत किया गया था। उन्होंने आप की तरफदारी करते हुए भी कहा कि राज्य में आप की लहर है।
द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में अश्विनी कुमार ने पार्टी नेतृत्व की भी आलोचना की। पार्टी छोड़ने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह फैसला करना दर्दनाक था। लेकिन इस फैसले को मुझे लेना ही था। उन्होंने कहा- “मुझे देश के प्रति, अपने प्रति, नेताओं और मित्रों के प्रति प्रतिस्पर्धी निष्ठाओं में से किसी एक को चुनना था। इस निर्णय पर बहुत विचार किया गया, जिससे मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि कांग्रेस पार्टी के ढांचे के भीतर इस महत्वपूर्ण समय में मैं देश में सार्वजनिक और राजनीतिक विमर्श में उपयोगी योगदान नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के प्रति उनके मन में बहुत सम्मान है, लेकिन पंजाब के तमाशे ने मुझे और भी आश्वस्त कर दिया कि कांग्रेस प्रगतिशील परिवर्तन की पार्टी के रूप में अपना आधार खो चुकी है”।
पंजाब कांग्रेस को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में अश्विनी कुमार ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ नेताओं ने एक-दूसरों के लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया और कैप्टन अमरिन्दर सिंह को इस्तीफा देने के लिए जिस तरह से अपमानित किया गया, वह दर्दनाक था। इसका लोगों पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा- “मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि यहां आम आदमी पार्टी के पक्ष में लहर है। मुझे त्रिशंकु विधानसभा नहीं दिखती। पंजाब एक परिवर्तनकारी बदलाव के मुहाने पर है और राज्य के चुनाव परिणामों का राष्ट्रीय राजनीति की दिशा पर बड़ा असर पड़ेगा”।
कांग्रेस के पतन को लेकर एक सवाल के जवाब में अश्विनी कुमार ने कहा कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार गिर रहा है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पार्टी देश की सोच के साथ अलग हो चुकी है। यह एक राजनीतिक दल का कार्य है कि वह राष्ट्रीय मनोदशा का आकलन करे और जहां आवश्यक हो, बदलाव लाए। क्या कोई गंभीरता से या ईमानदारी से कह सकता है कि कांग्रेस पार्टी के साथ ऐसा हुआ है। पार्टी जो नेतृत्व का विकल्प जनता के सामने पेश कर रही है, उसके पक्ष में देश नहीं है।
हालांकि जब उनसे राहुल गांधी के बारे में सीधा सवाल किया तो अश्विनी कुमार ने कहा कि वो किसी का नाम नहीं लेंगे। आगे इस इंटरव्यू में अश्विनी कुमार ने कहा कि वो कई मौकों पर कांग्रेस अध्यक्ष को अपने विचारों से अवगत करा चुके है, उन्हें लिख भी चुके हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के साथ लंबे जुड़ाव के कारण वो कह सकते हैं कि उनकी अपनी प्रवृत्ति और निर्णय अचूक हैं, लेकिन किसी कारण से पिछले कुछ दिनों से ऐसा नहीं दिख रहा है।
जब पूर्व केंद्रीय मंत्री से यह सवाल पूछा गया कि कांग्रेस कहां गलत जा रही है तो उन्होंने कहा- “इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं, लेकिन मैं कह सकता हूं कि पार्टी ने लोगों से अपना जुड़ाव खो दिया है और बहुत कम सम्मानित नेताओं को छोड़कर, आम तौर पर पार्टी में जड़ता की स्थिति है।
कुछ महीने पहले कांग्रेस के जी-23 नेताओंं के द्वारा लिखे एक पत्र के बारे में जब अश्विनी कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने इस पत्र को पढ़ा है… इसका ध्यान केवल पार्टी के भीतर के चुनावों पर था। ऐसा लग रहा था कि उनमें से कुछ नेता केवल पार्टी के उच्च ढांचे में खुद के पदों के लिए मशक्कत कर रहे हैं और इसलिए ऐसा लगता है कि उनका फोकस त्रुटिपूर्ण था।
कांग्रेस में सुधारों को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा में कुछ भी गलत नहीं है। मैं अब और अवांछित सलाह नहीं देना चाहता, लेकिन कांग्रेस को वास्तव में सामूहिक नेतृत्व संरचना को अस्तित्व में लाने की सख्त जरूरत है। जिसमें वरिष्ठता और योग्यता को उचित सम्मान दिया जाएगा और बड़ों को उनकी गरिमा से वंचित नहीं किया जाएगा। किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के सवाल पर अश्विनी कुमार ने कहा कि अभी उन्होंने इस पर कुछ नहीं सोचा है। भविष्य का कहा नहीं जा सकता।