संजीव शर्मा
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने करीब एक दशक के अपने कार्यकाल के दौरान किराए के हेलिकॉप्टर पर सफर करने में एक अरब 60 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। विरोधी राजनैतिक दलों ने जब पंजाब में इस मुद्दे पर हंगामा किया तो सरकार ने आनन-फानन में एक हेलिकॉप्टर तो खरीद लिया पर इस खरीद के लिए कोई विज्ञापन नहीं दिया गया। यह अहम खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से हासिल हुआ है।
आरटीआइ कार्यकर्ता सुधीर यादव द्वारा मांगी गई जानकारी में पंजाब सरकार ने बताया है कि वर्ष 2007 से 2016 के अंत तक मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा इस्तेमाल किए गए हेलिकॉप्टर किराए मद में 1 अरब 10 करोड़ 90 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इसके अलावा हेलिकॉप्टर के रखरखाव और अन्य खर्च मिलाकर यह राशि एक अरब 60 करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है। गौरतलब है कि सरकार ने वर्ष 2007 से 2012 तक एक निजी कंपनी से हेलिकॉप्टर किराए पर लेकर रखा था।
आरटीआइ कार्यकर्ता के अनुसार, वर्ष 2012 में जब बादल ने दूसरी बार पंजाब की सत्ता संभाली तो पंजाब सरकार ने अमेरिका की एक कंपनी से करीब 36 करोड़ 72 लाख रुपए में एक हेलिकॉप्टर खरीदा। इसके लिए सरकार ने समाचार पत्रों या टीवी चैनलों में किसी तरह का कोई विज्ञापन भी नहीं दिया। सुधीर यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका की एक कंपनी को बगैर किसी सार्वजनिक सूचना के यह जानकारी कैसे मिल गई कि पंजाब सरकार एक हेलिकॉप्टर खरीदने जा रही है।
उन्होंने उस हेलिकॉप्टर के लिए की गई नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने तीन पायलट नियुक्त कर रखे हैं। अनुमान के अनुसार वह आठ-आठ घंटे की ड्यूटी करते हैं लेकिन लाइट डिस्पैचर के पद पर केवल एक महिला को तैनात किया गया है। आरटीआइ से मिली जानकारी यह बताती है कि पंजाब में एकमात्र महिला फ्लाइट डिस्पैचर 24 घंटे सात दिन नौकरी कर रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार के पास अपना एक ही हेलिकॉप्टर है और उसका इस्तेमाल कभी भी एअर टैक्सी या एअर एंबुलेंस के रूप में नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि आरटीआइ के माध्यम से उन्होंने यह भी पूछा था कि इस हेलिकॉप्टर को मुख्यमंत्री के अलावा किन-किन अन्यों लोगों ने इस्तेमाल किया है। यह कुल कितने बार इस्तेमाल हुआ है। जिसका जवाब पंजाब सरकार ने नहीं दिया है।
