Pilibhit Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ऐसे में पीलीभीत लोकसभा सीट की बात करें तो यह सीट भारतीय जनता पार्टी की गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर 2004 से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। साल 2004 में इस सीट पर मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद उनके बेटे वरुण गांधी ने लगातार तीन बार जीत दर्ज की, दो बार तो वे पीलीभीत से चुनाव जीते, वहीं 2014 में उन्होंने सुल्तानपुर से जीत का परचम लहराया।
पीलीभीत लोकसभा सीट को लेकर चर्चा यह भी है कि इस बार बीजेपी वरुण गांधी को टिकट ने देखर किसी अन्य नेता पर दांव लगा सकती है। क्योंकि वरुण गांधी अपने मुखर रुख के लिए जाने जाते हैं और उनके बयानों कई बार बीजेपी कांटे की तरह से चुभे हैं। फिर चाहे वो किसानों का मुद्दा हो या फिर बेरोजगारी-मंहगाई। इन सब मुद्दों को लेकर वो अपनी ही सरकार से सवाल पूछते नजर आए हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव परिणाम-
प्रत्याशी | पार्टी | कुल वोट | वोट प्रतिशत |
फिरोज वरुण गांधी | बीजेपी | 704549 | 59.34% |
हेमराज वर्मा | सपा | 448922 | 37.81% |
नोटा | नोटा | 9973 | 0.84% |
साल 2019 में पीलीभीत से भाजपा ने वरुण गांधी को टिकट दिया था। वरुण गांधी ने इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था। वरुण गांधी को 704549 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हेमराज वर्मा को 448922 वोट प्राप्त हुए थे। तीसरे नंबर पर यहां निर्दलीय उम्मीदवार नरेंद्र कुमार गुप्ता रहे थे। गुप्ता को 4442 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था।
पीलीभीत लोकसभा 2014 का चुनाव परिणाम-
प्रत्याशी | पार्टी | कुल वोट | वोट प्रतिशत |
संजय मेनका गांधी | बीजेपी | 546934 | 32.73% |
बुद्धसेन वर्मा | सपा | 239882 | 14.35% |
अनीस अहमद खान | बसपा | 196294 | 11.75% |
संजय कपूर | कांग्रेस | 29169 | 1.75% |
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी। मेनका गांधी को 52.06 फीसदी वोट मिले थे। दूसरे नंबर रहे सपा के बुद्धसेन वर्मा को 22.83 फीसदी मतों पर संतोष करना पड़ा था। बसपा के अनीस अहमद तीसरे नंबर पर रहे थे, जबकि कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी बनकर रह गई थी। कांग्रेस ने संजय कपूर को चुनावी मैदान में उतारा था। जिन्हें महज 29169 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था।
पीलीभीत सीट से पांच बार सांसद रहीं हैं मेनका गांधी-
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पीलीभीत सीट से छह बार लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। मेनका गांधी ने 1989 में पहली बार जनता दल के टिकट पर पीलीभीत लोकसभा सीट जीती। उसके बाद 1996 से 2014 के बीच पांच बार इसी सीट से सांसद चुनी गईं। इसमें दो बार निर्दलीय और एक बार बीजेपी प्रत्याशी के रूप में। उन्होंने 2009 में बेटे वरुण गांधी के लिए सीट खाली कर दी और सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा, लेकिन 2014 में वो वापस पीलीभीत लोकसभा पर आईं और चुनाव लड़कर जीत हासिल की। साथ ही छठी बार सांसद भी बनीं। 2019 में एक बार फिर से मेनका गांधी ने वरुण गांधी के साथ सीटों की अदला-बदली की। वरुण गांधी ने पीलीभीत से और मेनका ने सुल्तानपुर से चुनाव लड़ा और दोनों मा-बेटे संसद पहुंचे।
पीलीभीत का जातीय समीकरण-
पीलीभीत के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां हिंदू वोटरों के साथ-साथ 25 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। 17 लाख से ज्यादा आबादी वाले इस शहर में अनुसूचित जाति की करीब 17 फीसदी आबादी है। पीलीभीत में होने वाले लोकसभा चुनाव में मुस्लिम और दलित वोटर ही उम्मीदवारों के खेल बनाते और बिगाड़ते हैं। इसके अलावा इस सीट पर राजपूत और किसान भी ठीक तादाद में हैं, जो बीजेपी के वोट माने जाते हैं।