देश में Lok Sabha Election 2019 का माहौल है और मॉब लिंचिंग, तीन तलाक व मुस्लिमों पर अत्याचार जैसे मुद्दे हर तरफ छाए हुए हैं। ऐसे में टीम जनसत्ता अलीगढ़ पहुंची तो यहां के मुस्लिमों से इन तीन मुद्दों के अलावा उनके साथ हो रहे व्यवहार और मोदी सरकार के कार्यकाल पर रिपोर्ट मांगी।
मोदी सरकार को दिए पूरे नंबर : अलीगढ़ के रहने वाले कमरुद्दीन कहते हैं कि पिछली सरकारों के मुकाबले मोदी सरकार के कार्यकाल में काफी ज्यादा काम हुआ। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर लॉ एंड ऑर्डर में सुधार भी शामिल है। विदेश नीति भी पहले से बेहतर हुई है।
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मुस्लिमों पर अत्याचार को लेकर दिया यह जवाब : शहर के ही रहने वाले अब्दुल हकीम का मानना है कि मोदी सरकार के दौरान मुस्लिमों पर अत्याचार जैसी कोई बात नहीं है। 2002 के गुजरात दंगों से मोदी की छवि कट्टर हिंदू वाली बनी थी, लेकिन पीएम के रूप में उनका रुख देखकर सभी मुगालते दूर हो गए। मॉब लिंचिंग के कई मामलों के बारे में सुना है, लेकिन इसमें मोदी सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
जीएसटी-नोटबंदी पर जताई नाराजगी : कमरुद्दीन कहते हैं कि मोदी सरकार का नोटबंदी का फैसला गलत था। इससे रोजगारों को काफी नुकसान पहुंचा और कई धंधे ठप हो गए। वहीं, जीएसटी ने शुरुआत में खासा परेशान किया। मैं प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता हूं। पहले इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगती थी, जिससे प्रॉपर्टी बेचने और खरीदने पर ब्रेक लग गए थे। अब इसे घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे रियल एस्टेट में दोबारा बूम आने की उम्मीद है।
तीन तलाक के अध्यादेश पर जताई सहमति : अब्दुल हकीम और कमरुद्दीन दोनों ने ही तीन तलाक पर अध्यादेश लाने के फैसले को मोदी सरकार का सही कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस कानून से मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा होगी। कई मुस्लिम देश खुद तीन तलाक पर पाबंदी लगा चुके हैं। ऐसे में मोदी सरकार का यह फैसला तारीफ-ए-काबिल है।

