मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में राज्य के नीमच जिले की तीन विधानसभा क्षेत्रों में इस बार ऐसे प्रत्याशी है, जो इसके पहले अपनी पार्टी से बागी होकर चुनावी समर में उतर चुके है। इस बार पार्टी ने ऐसे प्रत्याशियों की जीत की संभावना को देखते हुए उन्हें अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया है। पूर्व में बागी हुए प्रत्याशियों में बीजेपी में एक और कांग्रेस में दो है। जाहिर है मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत के लिए दोनों ही दल एक-एक सीट को महत्व है दे रहे है। चुनाव में प्रत्याशी के चयन में सिर्फ जीत की संभावनाओं को देखा है।
पूर्व में बागी रहे प्रत्याशियों को टिकट देने की बात करे तो भाजपा ने अनिरुद्ध माधव मारु जो कि 2008 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार रहे थे उसके बाद 2013 में निर्दलीय होकर लड़े लेकिन लेकिन इस बार पार्टी ने मनासा से उनको अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने पूर्व में बागी रहे राजकुमार अहीर को जावद से दोबारा मौका दिया है। साथ ही नीमच के पूर्व बागी उमराव सिंह गुर्जर को भी पार्टी ने टिकट दिया है। उन्हें मनासा से उम्मीदवार बनाया गया है।
राजकुमार अहीर को कांग्रेस पार्टी ने 2008 के विधानसभा चुनावों में जावद क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था, इस चुनाव उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2013 में इसी क्षेत्र से कांग्रेस ने रघुराजसिंह चौरड़िया को उम्मीदवार बनाया। पार्टी इस फैसले से राजकुमार अहीर नाराज हो गए और उन्होंने निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा, लेकिन 2018 में पार्टी ने फिर से राजकुमार अहीर को अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है।
इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अनिरुद्ध माधव भी 2008 में भारतीय जनशक्ति पार्टी फिर 2013 में निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा था तो वहीं इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले उमराव सिंह गुर्जर ने 2008 में नीमच से निर्दलीय चुनाव लड़ा था वो कांग्रेस प्रत्याशी रघुराजसिंह सिंह चौरड़िया की उम्मीदवारी से नाराज थे। दोनों ही पार्टियों ने कभी पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले नेताओं को टिकट दिया। पार्टियों को इस बार इन प्रत्याशियों की जीत की संभावना दिखाई पड़ रही है।