मध्य प्रदेश का चुनावी संग्राम काफी रोचक स्थिति में है। मुख्य दल बीजेपी और कांग्रेस दोनों में जबरदस्त टक्कर देखी जा रही है। मतदाताओं की नब्ज टटोलने के लिए सभी माध्यमों पर लोग गौर फरमा रहे हैं। इस क्रम में सट्टा बाजार भी पीछे नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश में सट्टा बाजार ने बीजेपी से अपना रुख मोड़कर कांग्रेस की तरफ कर लिया है। इससे पहले सटोरिये बीजेपी को आगे मानकर चल रहे थे। लेकिन, बीते दो हफ्तों में परिस्थितियां ऐसी बदली हैं कि बाजार का पूरा मूड बदल गया है।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक भोपाल का सट्टा बाजार बीजेपी पर पिछले एक महीने से दांव खेल रहा था। लेकिन, अब वह कांग्रेस के पक्ष में हवा चलने की बात कह रहा है। सट्टेबाजों के मुताबिक एक महीने पहले तक अगर कोई शख्स बीजेपी पर 10 हजार रुपये लगाता तो उसे 11 हजार रुपये मिलते। वहीं, कांग्रेस पर 4400 रुपये लगाने पर जीत की सूरत में 10 हजार रुपये लौटाए जाते। लेकिन, अब हालात उल्टा है। सटोरियों के मुताबिक अब कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी, इस पर सट्टा नहीं लग रहा है। बल्कि कौन सी पार्टी कितनी सीटें जीतेगी इस पर दांव लगाया जा रहा है। क्योंकि, प्रदेश में कड़ी टक्कर को देखते हुए सट्टा बाजार किसी दल विशेष को बहुमत मिलता नहीं देख रहा है। सटोरी संभावना जता रहे हैं कि बहुमत के मैजिक फिगर से हो सकता है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों वंचित रह जाएं।
वैसे बहुमत से अलग मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सट्टा बाजार का ट्रेंड कांग्रेस की ओर झुका हुआ है। 230 विधानसभा वाली सीटों में यह बाजार कांग्रेस को 116 से ज्यादा और बीजेपी को 102 से अधिक सीट मिलने की भविष्यवाणी कर रहा है। इससे पहले दूसरे राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी सट्टेबाज अपना दांव खेल रहे हैं। राजस्थान में तो कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की जा रही है, जबकि छत्तीसगढ़ में सेफसाइड खेला जा रहा है। सट्टा बाजार छत्तीसगढ़ में रिजल्ट को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं कर रहा है। गौरतलब है कि सट्टा बाजार गैरकानूनी है। पुलिस की सक्रियता के बावजूद चुनावों में यह काफी सक्रिय रहता है। वर्तमान के चुनावों में बताया जा रहा है कि यह बाजार काफी बूम पर है।