मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मतदान होने के बाद भी राज्य में ईवीएम को लेकर आए दिन कोई न कोई मुद्दा सुर्खियां बटोर रहा है। हाल ही में राजधानी भोपाल के होमगार्ड मुख्यालय की कैंटीन की टेबल पर लिफाफा बंद डाक मतपत्र मिले थे। इन लिफाफा बंद डाक मतपत्रों को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी.एल कांताराव ने वास्तविक मतपत्र मानते हुए बुधवार को सफाई दी और कहा है कि वह पूरी तरह सुरक्षित थे।

बता दें कि पुलिस मुख्यालय की कैंटीन की एक टेबल पर डाक मतपत्र मिले थे, इस पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव सहित कई अन्य नेताओं ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। दो दिन तक चुनाव आयोग की ओर से कोई बात नहीं कही गई, मगर बुधवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कांताराव ने साफ किया है कि कैंटीन की टेबल पर डाक मतपत्र बंद लिफाफे में मिले थे। यह मतपत्र गोविंदपुरा के निर्वाचन अधिकारी तक भेज दिए गए हैं।

आधिकारिक तौर पर कांताराव की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि पुलिस होमगार्ड मुख्यालय स्थित कैंटीन की टेबल पर विभाग की डाक की आवक-जावक का लेखा-जोखा का कार्य होता है, जहां अलग-अलग डाक मतपत्र न देते हुए डाकिए ने एक साथ 124 डाक मतपत्र जिला कमांडेंट होमगार्ड कार्यालय में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक को दिए। यह लिफाफे जवानों को दिए जाने थे, मगर वितरित करने में लापरवाही बरती गई। इसके लिए एक एएसआई, आरक्षक और होमगार्ड जवान के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

कांताराव के अनुसार कैंटीन की टेबल पर मिले डाक मतपत्रों की जांच पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी के द्वारा कराई गई। उसके बाद यह डाक मतपत्र गोविंदपुरा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को सौंप दिए गए हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान संपन्न हुए है। ईवीएम की सुरक्षा को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही लगातार आवाज उठा रहे है। राज्य में 11 दिसंबर को मतों की गणना होगी ऐसे में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर आयोग ने भी बयान जारी कर सफाई दी है।