मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले के बाद सरकार बनाने जा रही कांग्रेस में अब मुख्यमंत्री पद की दौड़ लगभग एक नतीजे पर पहुंच गई है। यह लगभग तय हो चुका है कि कमल नाथ को ही मध्य प्रदेश की कमान सौंपी जाएगी। मध्य प्रदेश में कमल नाथ के साथ ही मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद ही कमल नाथ को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव पार्टी आलाकमान को सौंपा है। इसके बाद उन कयासों पर विराम लग गया है कि सिंधिया भी इस दौड़ में शामिल हैं। विधायक दल की बैठक के बाद सिंधिया ने यह प्रस्ताव सौंपा था।

युवा के बजाय अनुभव को मिली तरजीह

उल्लेखनीय है चुनाव प्रचार के दौरान दोनों ही नेताओं के समर्थकों ने कमल नाथ और सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की बात कहकर वोट मांगते रहे हैं। खुद सिंधिया ने कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र पांडेय के लिए जनसभा के दौरान इसके संकेत भी दिए थे। नतीजे आने के बाद समर्थकों की अपने-अपने नेता के पक्ष में जमकर नारेबाजी भी हुई थी। इस मसले पर दिनभर मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस ने युवा के बजाय अनुभव को तरजीह दी है। इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खुद कमल नाथ को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी।

ऐसा रहा मध्य प्रदेश का चुनावी परिणाम

230 सीट – कुल विधानसभा क्षेत्र
114 सीट – कांग्रेस
109 सीट – भारतीय जनता पार्टी
2 सीट – बहुजन समाज पार्टी-
1 सीट – समाजवादी पार्टी-
4 सीट – निर्दलीय (जो अब कांग्रेस में शामिल होंगे)