भाजपा के लिए नोएडा विधान सभा सीट पर उम्मीदवार का ऐलान पार्टी के बड़े नेताओं के लिए सिरदर्द बन रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को भाजपा के एक गुट ने नवाब सिंह नागर को दादरी से टिकट ना दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय मंत्री और गौतम बुद्ध नगर सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के खिलाफ नारेबाजी कर डीएनडी पर पुतला फूंका। प्रदर्शन करने वालों का आरोप है कि कांग्रेस से हाल में शामिल हुए ठाकुर धीरेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है। वहीं दादरी से तेजपाल गुर्जर को टिकट दिया गया है। जबकि दादरी से भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक नवाब सिंह नागर टिकट मांग रहे थे।
प्रदर्शन करने वालों ने नवाब सिंह नागर की दादरी में अच्छी पकड़ होने का दावा करते हुए दादरी और जेवर, दोनों सीटों पर पार्टी के स्थानीय नेताओं को टिकट देने की मांग की है। उधर, राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, चुनावों से पहले दल- बदल एक सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि भाजपा की प्रदेश में मजबूत स्थिति को देखते हुए वहां अन्य दलों से आने वालों की संख्या कुछ ज्यादा है। सूत्रों के मुताबिक, नवाब सिंह नागर से नजदीकी रखने वाले यह जानते हैं कि जेवर और दादरी में पार्टी के घोषित उम्मीदवारों के टिकट बदले जाना बेहद मुश्किल है। ऐसे में वे प्रदर्शन के जरिए नोएडा सीट पर दावा मजबूत करना चाह रहे हैं।
हालांकि इस सीट पर मौजूदा विधायक विमला बाथम को दोबारा टिकट दिए जाने पर अटकलों के कारण केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह का नाम चर्चाओं में है। माना जा रहा है कि 2014 के उपचुनाव में भारी बहुमत से चुनाव जीतने वाली विधायक विमला बाथम के नाम पर संगठन में कुछ पदाधिकारियों तैयार नहीं हैं। लगातार समर्थन और विरोध के मौजूदा दौर पर विराम लगाने के लिए पार्टी स्थानीय गुटबाजी से निपटने के लिए पंकज सिंह के नाम पर मुहर लगा सकती है। राजनीतिक जानकारों का मानना है नोएडा सीट पर भाजपा को अन्य दलों के मुकाबले कई फायदे मिल रहे हैं। इस वजह से यहां पर टिकट मांगने वालों की सूची सबसे लंबी है। नोएडा सीट पर जातिगत आधार पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। हालांकि वैश्य भी लगभग इतनी ही संख्या में हैं।
पंजाबियों का भी एक बड़ा तबका शहर में रहता है। बसपा की तरफ से ब्राह्मण जाति के रविकांत मिश्रा चुनाव मैदान में हैं। सपा की तरफ से अभी तक अशोक चौहान ही घोषित उम्मीदवार हैं। हालांकि उम्मीदवार बदले जाने या कांग्रेस के साथ गठबंधन के कारण सीट कांग्रेस को दिए जाने की चर्चा भी है। इस वजह से उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस या सपा की स्थिति अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। वहीं भाजपा भी सपा, कांग्रेस या गठबंधन होने पर तय होने वाले उम्मीदवार के नाम घोषित होने के इंतजार में है।