मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी प्रदेश का मुखिया चुनना। ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ में से राहुल गांथी ने कमलनाथ को मध्यप्रदेश का अगला मुख्यमंत्री घोषित किया। मुख्यमंत्री का नाम सामने आने के बाद से अब वो सभी वादे और दावे सुर्खियां बटोर रहे हैं जो राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश की जनता से किए थे।

10 दिन में होगा कर्ज माफ
दैनिक भास्कर से बीतचीत में कमलनाथ ने बताया कि सरकार का गठन होने के 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। प्रदेश में हर वर्ग परेशान है, किसान आक्रोशित है। युवाओं को रोजगार न मिलने से उनमें निराशा है। हमारी पहली प्राथमिकता प्रदेश में विश्वास का वातावरण पैदान करना है, जिससे नया निवेश आएगा। इन सभी चुनौतियों का हम मुकाबला करेंगे और प्रदेश की जनता को एक पार्दर्शी प्रशासन देंगे।

कर्जमाफी पर घिरे हैं
वचन पत्र का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा कि भाजपा कर्जमाफी को लेकर हमें कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही है लेकिन सरकार का गठन होने दें। वचन पत्र में दस दिन के भीतर कर्जमाफी की जो बात कही गई है वो पूरा होगी।

मंत्रिमंडल का आकार नहीं तय
मंत्रिमंडल के सदस्य और आकार पर कमलनाथ ने कहा कि अभी सभी से बातचीत जारी है। हालांकि अभी मंत्रिमंडल का आकार और सदस्य तय नहीं हुए हैं। इसका गठन सभी से चर्च के बाद होगा।

प्रदेश की आर्थिक स्थिति
प्रदेश पर दो लाख करोड़ का कर्ज है। ऐसे में किसानों का कर्ज माफ करना बड़ी चुनौती होगी। लेकिन समीक्षा कर इसका हल निकालेंगे। हालांकि एक बात साफ है कि किसानों की कर्जमाफी और अन्य योजनाओं में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।

सीएम के बाद पारदर्शिता होगी प्राथमिकता
कमलनाथ ने कहा की मुख्यमंत्री बनने के बाद हम सभी के साथ बैठकर तय करेंगे कि प्रशासन में पूरी तरह से पारदर्शिता और ईमानदारी हो। हालांकि इस व्यवस्था में सभी के सहयोग की जरूरत होगी।

 

ज्योतिरादित्य से कोई विवाद नहीं
ज्योतिरादित्य संग केमिस्ट्री के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि मेरे और ज्योतिरादित्य के बीच कभी कोई विवाद नहीं रहा। नेता चयन का फैसला पार्टी आलाकमान करते हैं और ये परंपरा रही है। बस उसका ही निर्वाहन किया गया है। मध्य प्रदेश में चुनाव के पहले भी हम सभी एक जुट थे और आज भी एकजुट हैं।