मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रहलाद सिंह पटेल की जीत के साथ वोटों की गिनती अब खत्म हो चुकी है। बता दें कि इस सीट पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का मुकाबला कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल से रहा। वर्तमान में बीजेपी उम्मीदवार प्रहलाद सिंह पटेल दमोह से सांसद हैं और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। वहीं, अब उन्होंने भारी मतों के साथ नरसिंहपुर विधानसभा सीट को भी अपने नाम कर लिया है।

इस सीट पर कुल 19 राउंड में मतगणना हुई, जिसका समापन प्रहलाद सिंह पटेल की जीत के साथ हुआ। शुरुआती 5 राउंड से ही प्रहलाद सिंह पटेल कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल से 31,000 से अधिक वोटों से आगे चल रहे थे।

यहां देखें राउंड 5 से आगे के आंकड़े

राउंडभाजपा से प्रहलाद सिंह पटेलकांग्रेस से लाखन सिंह पटेल
528,808 कुल मत (8,083 से आगे)20,725 कुल मत
634,629 कुल मत (9,611 से आगे)25,018 कुल मत
739,363 कुल मत (10,670 से आगे)28,693 कुल मत
846,156 कुल मत (12,477 से आगे)33,679 कुल मत
952,222 कुल मत (13,053 से आगे)39,169 कुल मत
1058,285 कुल मत (15,684 से आगे)42,601 कुल मत
1163,484 कुल मत (17,686 से आगे)45,798 कुल मत
1269,659 कुल मत (19,526 से आगे)50,133 कुल मत
1375,907 कुल मत (21,599 से आगे)
54,308 कुल मत
1481,520 कुल मत (22,954 से आगे) 58,566 कुल मत
1587,607 कुल मत (24,956 से आगे)62,651 कुल मत
1694,476 कुल मत (28,082 से आगे)66,394 कुल मत
1710,0,356 कुल मत (29,833 से आगे)70,523 कुल मत
181,06,635 कुल मत (31,861 से आगे)74,774 कुल मत
191,09,196 कुल मत (32,095 से जीत)
77,101 कुल मत

अब, चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल 19 राउंड में प्रहलाद सिंह पटेल ने कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल को 32,095 मतों से मात दे दी है।

क्या थे 2018 के नतीजे?

2018 के विधानसभा चुनाव में भी नरसिंहपुर विधानसभा सीट से बीजेपी को जीत मिली थी। वहीं 2018 से पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में भी यहां से बीजेपी को जीत मिली थी। दोनों ही चुनाव में बीजेपी की ओर से जालम सिंह पटेल उम्मीदवार थे। जालम सिंह पटेल केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के भाई हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को यहां से 14,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल हुई थी। वहीं 2013 के चुनाव में बीजेपी ने इस सीट को 48000 से अधिक वोटों से जीता था।

क्या है जातीय समीकरण?

नरसिंहपुर विधानसभा सीट दलित और ओबीसी बाहुल्य सीट है। यहां पर पटेल वोटर की संख्या काफी अधिक है और इसीलिए कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने पटेल उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। इस सीट पर पटेल वोटर की संख्या करीब 60,000 है। वहीं पर दलित मतदाताओं की संख्या भी 30,000 से अधिक है। ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य और मुस्लिम भी इस सीट पर ठीक-ठाक संख्या में है जो निर्णायक साबित हो सकते हैं।

बीजेपी की जीत का मार्जिन हुआ कम?

2018 के चुनाव में भी बीजेपी उम्मीदवार जालम सिंह पटेल के खिलाफ कांग्रेस ने लाखन सिंह पटेल को उतारा था। हालांकि यहां से बीजेपी उम्मीदवार ने 14,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। 2013 के मुकाबले 2018 के चुनाव की तुलना करें तो बीजेपी की जीत का मार्जिन काफी कम हुआ है। इसलिए कांग्रेस को उम्मीद भी है कि यह सीट पर वह केंद्रीय मंत्री को हरा सकती है।

कद्दावर नेता हैं प्रहलाद सिंह पटेल

बीजेपी उम्मीदवार प्रहलाद सिंह पटेल काफी कद्दावर नेता माने जाते हैं। वह मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री तो है ही इसके पहले वह बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेई सरकार में भी केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुके हैं। प्रहलाद सिंह पटेल पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पहले वह पांच बार लोकसभा सदस्य चुने जा चुके हैं।