मध्य प्रदेश की नरेला सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है। नरेला विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी एवं कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग 29486 वोटों से आगे चल रहे हैं। ये सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी और तभी से यहां से बीजेपी प्रत्याशी विश्वास सारंग जीत दर्ज कर रहे हैं। इस बार कांग्रेस ने उनके खिलाफ मनोज शुक्ला को चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर सारंग जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं और चौधी बार विधायक बनने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। नरेला में मतगणना शुरू हो गई है और कुछ ही देर में रुझान आने शुरू हो जाएंगे।
विश्वास सारंग की बात करें तो उन्होंने अपने सियासी करियार की शुरुआत 1993 में की थी। वे उस समय भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हुआ करते थे। उनका संघ का बैकग्राउंड था, ऐसे में हिंदुत्व और दूसरे राष्ट्रवाद वाले मुद्दों पर वे हमेशा ही मुखर रहे। दो साल तक कार्यकारिणी सदस्य रहकर सारंग का पहले सियासी प्रमोशन किया गया था। उन्हें भोपाल शहर का जिलाध्यक्ष बनाया गया था। फिर 2002 से 2004 तक वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य रहे।
नरेला सीट के जातीय समीकरण भी समझना जरूरी रहता है। यहां पर मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी संख्या है और वे 40 फीसदी के करीब हैं। उनके साथ-साथ ओबीसी वोटर्स की संख्या भी यहां 25 फीसदी रहती है। सर्विस क्लास के लोग भी अच्छी तादात में नरेला में सक्रिय हैं। बड़ी बात ये है कि नेरला में काफी पढ़े लिखे लोग हैं और लिट्रेसी रेट 75 प्रतिशत से भी ज्यादा है।