पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव नतीजों (Lok Sabha Election Result 2019) पर बधाई के बाद ममता बनर्जी ने बड़े ही काव्यात्मक अंदाज में अपनी भावनाओं को जाहिर किया है। ममता बनर्जी ने बांग्ला, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में एक कविता ट्वीट की है। कविता का शीर्षक है ‘मैं नहीं मानती’। कविता में ममता बनर्जी ने अपनी सोच और विचारधारा को गैर-सांप्रदायिक और सहिष्णुता में विश्वास करने वाला बताया है। उन्होंने, कविता के माध्यम से यह जाहिर करने की कोशिश की है कि ‘उग्रता’ और ‘नम्रता’ सभी धर्मों का अंग है। लेकिन, वह ‘नम्रता’ के प्रति समर्पित एक सहिष्णु सेविका हैं।
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ममता बनर्जी ने कविता के माध्यम से बीजेपी पर भी निशाना साधा है और उग्रता का धर्म बेचने का आरोप लगाया। हालांकि, उन्होंने अपनी कविता में कहीं भी भारतीय जनता पार्टी का जिक्र नहीं किया है। लेकिन, उन्होंने कवि भाव से ही तंज जरूर कस दिया है। ममता बनर्जी ने कहीं ना कहीं यह दर्शाने की कोशिश की है कि उनके खिलाफ ‘उग्र धर्म’ का प्रचार किया गया और लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया।
मैं नहीं मानती pic.twitter.com/c6er47gaYS
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 24, 2019
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ममता बनर्जी ने अपनी कविता के आखिर में लोगों से आह्वान किया है कि वे उनके विश्वास को मजबूत करें। उन्होंने बताया कि उनका विश्वास धर्म की उग्रता में नहीं बल्कि मानवता की रौशनी से चमकते धर्म में है। उन्होंने कविता की एक पंक्ति में लिखा है,
“विश्वास नहीं मुझे सामयिक उग्र धर्म बेचने में-
मेरा विश्वस है मानवता के
आलोक से आलोकित धर्म में।
धर्म बेचना जिनका ताश
धर्म पहाड़ पर है पैसों का वास?
मैं रत हूं निज कर्मों में
कर्महीन हो तुम सब!!!
इसलिए बिकता है उग्रता का धर्म?“