लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 88 सीटो पर वोटिंग हो रही है। 13 राज्यों की इन सभी सीटों पर कड़ा मुकाबला है कई ऐसी सीटें भी हैं जो परंपरागत रूप से बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी गई हैं। पहले चरण की कम वोटिंग के बाद दूसरे चरण की वोटिंग से पहले सभी पार्टियों ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। अब उसी परिवर्तन ने इस दूसरे चरण को काफी दिलचस्प बना दिया है, यहां ध्रुवीकरण भी देखने को मिल रहा है, मुद्दों की राजनीति भी हो रही है और चेहरों के नाम पर भी वोट डालने की बात हो रही है।
पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो इन्ही 88 सीटों में से एनडीए के खाते में 58 सीटें गई थीं, कह सकते हैं कि विपक्ष का सफाया कर दिया गया था। अकेले बीजेपी के खाते में 50 सीटें और उनके साथी दलों को आठ सीटें मिल गई थीं। अब इस बार फिर उन्हीं सीटों पर मुकाबला कड़ा बना हुआ है, बीजेपी ने कई बड़े चेहरों को मैदान में उतार रखा है। अरुण गोविल से लेकर हेमा मालिनी तक, इंडिया गठबंधन के लिए राहुल गांधी से लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल तक, कई कद्दावर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। दूसरे चरण की इन सीटों पर इस बार सभी की नजर जरूर होनी चाहिए-
| सीट | NDA प्रत्याशी | विपक्ष का प्रत्याशी |
| वायनाड | के सुरेंद्रन | राहुल गांधी |
| मेरठ | अरुण गोविल | सुनीता वर्मा (सपा), देवव्रत त्यागी (बसपा) |
| मथुरा | हेमा मालिनी | मुकेश धंगर(कांग्रेस), सुरेश सिंह (बसपा) |
| पूर्णिया | संतोष कुशवाहा | बीमा भारती, पप्पू यादव (निर्दलीय) |
| खुजराहो | वीडी शर्मा | आरबी प्रजापति (फॉरवर्ड ब्लॉक) |
| तिरुवनंतपुरम | राजीव चंद्रशेखरन | शशि थरूर |
| पथानामथिट्टा | अनिल एंटनी | एंटो एंटनी |
| राजनांदगांव | संतोष पांडेय | भूपेश बघेल |
| बेंगलुरु ग्रामीण | सीएम मंजूनाथ | डीके सुरेश |
| बालूरघाट | सुकांत मजूमदार | विपलव मिश्रा (टीएमसी) |
| कोटा | ओम बिरला | प्रह्लाद गुंजल |
अब ये सीटें तो इस चरण का भविष्य तय करने ही वाली हैं, कई मुद्दों की असल हकीकत भी पता चलने वाली है। दूसरे चरण से पहले बीजेपी ने अपनी रणनीति में बडा बदलाव करते हुए मोदी की गारंटी को छोड़ मुसलमान और मुगल पर फोकस किया। इसके ऊपर कांग्रेस पर ये आरोप और लगा दिया कि वो आम नागरिक की संपत्ति लेकर ज्यादा बच्चे वाले परिवारों में बांट देगी। प्रधानमंत्री मोदी ने तो महिलाओं के मंगलसूत्र का जिक्र कर भी माहौल को भावुक करने की पूरी कोशिश की। अब हिंदी पट्टी राज्यों में उन्हीं मुद्दों की अग्निपरीक्षा होने जा रही है।
दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के लिए इस बार कई सीटों पर मुकाबला अहम है। बिहार में तो कई ऐसी सीटें हैं जहां पर सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। दूसरे चरण से पहले विपक्ष ने संविधान रक्षा, जातिगत जनगणना को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है।
