Lok Sabha Election 2019: तेलंगाना के निजामाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अरविंद धर्मपुरी ने चुनाव आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की है और स्ट्रांग रूम के बाहर खुद का भी ताला लगाने की मांग की है। अरविंद धर्मपुरी भाजपा के तेलंगाना राज्य कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। सोमवार (15 अप्रैल) को निजामाबाद जिलाधिकारी को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा, “मैं धर्मपुरी अरविंद, निजामाबाद लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हूं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि स्ट्रांग रूम जहां चुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपीएटी रखे जाते हैं, वहां मुझे अपना ताला लगाने की भी इजाजत दी जाए। कृप्या यथोचित कदम उठाएं।” बता दें कि स्ट्रांग रूम वह कमरा होता है जहां चुनाव के दौरान मतदान से पहले और मतदान के बाद ईवीएम व चुनाव संबंधी अन्य सामानों को कड़ी निगरानी में रखा जाता है।
बता दें कि इससे पहले ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए कई विपक्षी दलों ने रविवार को कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। ‘‘लोकतंत्र बचाओ’’ का आह्वान करते हुए कांग्रेस, तेदेपा, सपा और भाकपा सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। दलों ने चुनाव प्रक्रिया में पारर्दिशता के मुद्दे तथा मतदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा को रेखांकित किया।
Telangana: Arvind Dharmapuri, BJP candidate from Nizamabad Lok Sabha constituency has filed a petition before Election Commission to permit him to put his lock also on the strong rooms where EVMs and VVPATs used in the elections are kept. pic.twitter.com/nHmnzv9S5v
— ANI (@ANI) April 15, 2019
दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप नेता अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर लोकसभा चुनाव जीतने के लिए ईवीएम की प्रोग्रामिंग करने का आरोप लगाया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि 21 दलों ने 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों के सत्यापन की मांग की है। राजनीतिक दलों की यह मांग चुनावी मौसम के मध्य में आयी है। लोकसभा चुनाव सात चरणों में हो रहे हैं और पहले चरण का चुनाव 11 अप्रैल को हो चुका है।
केजरीवाल ने दावा किया कि ईवीएम और चुनावी प्रक्रिया में लोगों का भरोसा कम हो रहा है। वे देश के लोकतांत्रित ढांचे पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं और वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी ने भी सम्मेलन में भाग लिया। कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा कि विपक्षी दल हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने का निर्देश देने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर चुनाव आयोग इस मुद्दे की अनदेखी करता है तो हम अन्य कदम उठाएंगे। हम शांत नहीं बैठेंगे। हम उच्चतम न्यायालय से संपर्क करेंगे।’’
आयोग के इरादों पर सवाल उठाते हुए सिब्बल ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान क्यों नहीं चाहता। आज 20-25 प्रतिशत ईवीएम ठीक से काम नहीं कर रहे। लोग चार बजे सुबह तक वोट देंगे और कतारबद्ध होकर प्रतीक्षा करेंगे। इसका क्या यह अर्थ है।’’ उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि लोकसभा चुनावों के लिए वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केन्द्र से बढ़ाकर पांच केन्द्र में किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता बढ़ेगी। (भाषा इनपुट के साथ)

