समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान अपने बयानों से विरोधियों पर अक्सर तीखे हमले बोलते हैं। उनके बयानों से अक्सर विवाद भी खड़ा हो जाता है। लेकिन शुक्रवार (19 अप्रैल 2019) को रामपुर में एक चुनावी रैली के दौरान आजम भावुक हो गए। सपा नेता ने आचार संहिता उल्लंघन पर चुनाव आयोग का बैन खत्म होने के बाद जनता को संबोधित करते हुए कहा ‘मैं कोई आतंकवादी था क्या जो मुझे तीन दिन किसी से मिलने नही दिया गया। मेरे साथ गद्दार की तरह बर्ताव किया जा रहा है।’

उन्होंने कहा कि ‘मैं प्रशासन से कहना चाहता हूं कि मेरे घर के दरवाजे तोड़ दो, मुझे गोली मारो, मुझे मार दो ताकि चुनाव से पहले ही ये किस्सा खत्म हो जाए। मेरा जीना जमीन के लिए बोझ बन गया है। इससे अच्छा तो मुझे मार दो, चुनाव से पहले किस्सा ही खत्म हो जाए।’

उन्होंने आगे कहा ‘तीन दिन के बैन के दौरान मैं कहीं नहीं जा सकता था, किसी से मिल नहीं सका और न हीं किसी किसी रैली में हिस्सा लिया। मैं मुरादाबाद से लौटा ही था तो मुझे पता चला कि रामपुर जिला प्रशासन ने मेरा झंडा लगाने वालों को खुब सताया। और मुझसे प्यार करने वालों के घरों के ताले तोड़ दिए। और इस दौरान महिलाओं के साथ बदतमीजी की गई। यह किस तरह का लोकतंत्र है।’

बता दें कि रामपुर में एक चुनावी सभा के दौरान सपा नेता आजम ने आपत्तिजनक बयान दे डाला था। उन्होंने कहा था, ‘जिसे हम अंगुली पकड़कर रामपुर लाए। आपने 10 साल जिससे प्रतिनिधित्व कराया, उनकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे। मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का ‘अंडरवियर खाकी’ रंग का है।’ हालांकि, उन्होंने उस दौरान कहीं भी भाजपा की रामपुर से उम्मीदवार जयाप्रदा का नाम नहीं लिया था, पर माना जा रहा है कि आजम का इशारा बीजेपी उम्मीदवार की तरफ ही था।