दागी नेताओं की चुनावी उम्मीदवारी पर अक्सर बहस होती रहती है कि क्या ऐसे नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए या नहीं। यह बहस तो जारी रहेगी लेकिन भाजपा के एक उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनपर एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 242 क्रिमिनल केस चल रहे हैं। केरल के पथानामथिट्टा लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के. सुरेंद्रन पर यह केस चल रहे हैं।
खास बात यह है कि चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक लोकसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवारों को अखबार और टीवी पर विज्ञापन देकर अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देना अनिवार्य है। जब भाजपा उम्मीदवार ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड को अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘जन्मभूमि’ पर छपवाया तो अखबार के चार पेज भर गए। वहीं पार्टी के टीवी चैनल ‘जन्म टीवी’ पर उनके आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देने के लिए 60 सेकेंड की लंबी वीडियो फुटेज बनानी बड़ी।
गौरतलब है कि के सुरेंद्रन पर जो 242 केस चल रहे हैं उनमें से 222 तो सबरीमाला आंदोलन के दौरान दर्ज हुए थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अगर पार्टी के मुखपत्र पर के. सुरेंद्रन के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी जाती तो उनकी उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती थी क्योंकि अगर किसी और अखबार में इसे छापा जाता तो इसका खर्च 60 लाख तक होता। और वहीं टीवी पर इसकी जानकारी देने पर तो और ज्यादा खर्च होता जो कि चुनाव आयोग द्वारा हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की निश्चित सीमा को पार कर देता।’
वहीं केरल भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि ‘पार्टी को सुरेंद्रन के आपराधिक मामलों की जानकारी थी जिनमें से ज्यादात्तर सबरीमाला आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए थे। क्योंकि ज्यादात्तर केस चुनाव से कुछ समय पहले ही दर्ज कि गए हैं ऐसे में उन्हें इन केस पर सुनवाई के लिए उम्मीदवार को समय नहीं मिल सका।’
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सुरेंद्रन को सबरीमाला आंदोलन के दौरान 22 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को जानकारी दी थी कि उनपर 242 क्रिमिनल केस दर्ज हैं जिसके बाद सुरेंद्रन ने एकबार फिर सही जानकारियों के साथ फिर से नामांकन किया।
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा ‘ये सभी केस जानबूझकर गढ़ दिए गए हैं। क्योंकि एक जैसी धारा के तहत एक केस को तिरुवनंतपुरम, कसरोगोड और पथानामथिट्टा पुलिस थानों में दर्ज किया गया है। ऐसे में उम्मीदवार के लिए एक ही समय पर अलग-अलग जगहों पर जाना संभव नहीं।