Lok Sabha Election 2019: उत्तराखंड के टिहरी लोकसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग की गाड़ी से ‘मैं भी चौकीदार’ लिखी हुई भगवा टोपी मिलने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने मंगलवार (9 अप्रैल) को चुनाव आयोग की गाड़ी में यह टोपी देखी, जिसके बाद तीखी बहस छिड़ गई है। इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज की गई है। भाजपा के प्रचार के लिए जारी की गई टोपी के साथ आधिकारिक गाड़ी में बैठे चुनाव आयोग के कर्मचारियों को देखने के बाद कांग्रेस समर्थक उत्तेजित हो गए। हालांकि, टोपी मिलने की बात पर गाड़ी में बैठे अधिकारियों ने कथित तौर पर दावा किया कि वाहन का शीशा खुला हुआ था और एक भाजपा समर्थनक ने डैशबोर्ड पर पार्टी की टोपी रख दी।

आयोग के सदस्यों ने आगे कहा कि इस घटना से यह साबित नहीं होता कि वे किसी राजनीतिक दल को बढ़ावा दे रहे है या दूसरे का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, इस दावे को झूठा बताते हुए कांग्रेस समर्थकों ने सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ नारे लगाए और चुनाव आयोग के आरोपी अधिकारियों को कहा कि वे कांग्रेस का झंडा भी अपनी गाड़ी में ले जाएं। कांग्रेस पार्टी के सदस्य इस मामले को राज्य चुनाव आयोग के पास ले गए हैं। पूरे मामले की तहकीकात हो रही है।

दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और टिहरी प्रत्याशी प्रीतम सिंह चुनाव प्रचार के अंतिम दिन आखिरी चुनावी बैठक धर्मपुर में माता मंदिर के पास आयोजित की गई थी। सभा की निगरानी के लिए निर्वाचन विभाग के अधिकारी एक गाड़ी में सवार होकर वहां पहुंचे। बैठक खत्म होने के बाद जैसे ही प्रीतम सिंह लौटने लगे तो उन्होंने गाड़ी के डैशबोर्ड पर ‘मैं भी चौकीदार’ की टोपी देखी। इसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग के कर्मचारियों के समक्ष नाराजगी जताई। वहीं, अन्य कांग्रेस समर्थक हंगामा करने लगे।

वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड के पौड़ी जिले में लैंसडाउन के भाजपा विधायक दिलीप रावत के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। लैंसडौन की उपजिलाधिकारी अपर्णा ढोंडियाल ने बताया कि आचार संहिता लागू रहने के दौरान सात अप्रैल को विधायक रावत द्वारा नैनीडांडा क्षेत्र के भौन गांव में एक निजी गैस एजेंसी के उदघाटन का मामला सोशल मीडिया के जरिये सामने आया था। उन्होंने बताया कि जांच में मामले के सही पाये जाने पर धूमाकोट थाने में रावत के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 और 127(2) तथा लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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