Lok Sabha Election 2019: कोयम्बटूर के पास एक पंचायत माध्यमिक स्कूल को 17 साल बाद बिजली मिली है। यह बदलाव लोकसभा चुनाव की वजह से आया। दरअसल, इस स्कूल को मतदान केंद्र बनाया गया है, जिसके चलते इसकी मरम्मत व अधूरे कार्य पूरे कराए गए। बता दें कि धूमानूर पंचायत माध्यमिक स्कूल में 8वीं कक्षा तक के करीब 48 छात्र पढ़ते हैं।
21 मार्च को हुई मरम्मत : 24 वीरपंडी गांव के प्रशासनिक अधिकारी आनंद ने बताया कि मतदान केंद्र घोषित होने के बाद कुछ अधिकारी सामान के साथ गुरुवार (21 मार्च) को स्कूल आए और जरूरी मरम्मत की। आखिरकार हमारे पास अब बिजली है। आनंद ने कहा, ‘स्कूल के समय के अलावा अगर इमारत में स्थायी रूप से बिजली रहेगी तो छात्र स्कूल की इमारत में पढ़ सकते हैं। वहीं, अन्य लोग यहां आश्रय ले सकते हैं। बता दें कि इस पंचायत में लगभग 9,000 लोग रहते हैं।
साल 2002 में हुई थी स्कूल की शुरुआतः धूमानूर पंचायत माध्यमिक की शुरुआत साल 2002 में हुई थी। यहां धूमानूर और पड़ोसी गांवों चेंम्बुकरई और कट्टूसलाई के छात्र पढ़ने आते हैं। इस स्कूल की वजह से उन्हें अनाईकट्टी और थडगाम के स्कूलों तक नहीं जाना पड़ता। हालांकि, धूमानूर पंचायत माध्यमिक स्कूल में 17 साल से बिजली या पानी की आपूर्ति की व्यवस्था नहीं थी।
National Hindi News Today Live: पूरी खबर जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
साल 2004 में एक ट्रस्ट ने लगवाए थे सोलर पैनल : स्कूल के हेडमास्टर शनमुघा सुंदरम ने बताया कि साल 2004 में एक ट्रस्ट ने स्कूल में सोलर पैनल लगवाए थे, जिससे क्लासरूम में बिजली की व्यवस्था की जा सके। साथ ही, बोरवेल चलाया जा सके। वहीं, रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट को बिजली मिल सके। उन्होंने बताया कि धोमनूर पहाड़ियों के बीच और आरक्षित वन की सीमा पर स्थित है। मॉनसून के दौरान यहां बहुत अच्छी बारिश होती है। वहीं, अक्सर बादल छाए रहते हैं। ऐसे में सोलर पैनल पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन नहीं कर पाते हैं। बारिश की वजह से बच्चों को बाहर भी नहीं पढ़ाया जा सकता।
सुंदरम ने बताया मॉनसून के दौरान ज्यादा धूप नहीं होने की वजह से बिजली की आपूर्ति 2:00 बजे तक बंद हो जाती है। उन्हें सभी लाइटों और मोटरों को बंद करना पड़ता है, ताकि आरओ प्लांट को संचालित करने में मदद मिल सके। उन्होंने बताया कि स्कूल को पिछले साल एक इलेक्ट्रिक पोस्ट और कनेक्शन दिया गया था, लेकिन मीटर व वायरिंग में कुछ गड़बड़ी के चलते बिजली की व्यवस्था नहीं हो सकी थी।