Lok Sabha Elections 2019: त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी को झटका लगा है। यहां बीजेपी के एकमात्र सहयोगी सहयोगी दल इंडीजीनस पीपुल्‍स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) ने राज्‍य की दोनों लोकसभा सीटों पर शनिवार (16 मार्च) को प्रत्‍याशियों का ऐलान कर दिया। बीजेपी की ओर से सीट बांटने से इनकार के बाद IPFT ने यह कदम उठाया है। दो दिन तक चुनावी रणनीति पर मंथन के बाद IPFT प्रमुख एनसी देबबर्मा ने ऐलान किया है वह ईस्‍ट त्रिपुरा (अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित) से चुनाव लड़ेंगे। युवा आदिवासी नेता सुक्‍लाचरण नेतिया पश्चिमी त्रिपुरा लोकसभा सीट से ताल ठोकेंगे। देबबर्मा ने कहा कि वह आगामी चुनाव में बीजेपी के साथ एक “दोस्‍ताना लड़ाई” चाहते हैं।

एनसी देबबर्मा ने कहा, “हम नॉर्थ ईस्‍ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) और नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) का हिस्‍सा हैं। असम में NEDA और NDA सहयोगी हैं तथा बाकी जगह लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। लेकिन हमें अवसर नहीं मिला। बीजेपी नेताओं का सुझाव था कि ईस्‍ट त्रिपुरा सीट से हम दोस्‍ताना लड़ाई करें और दूसरी सीट पर रिजर्व उम्‍मीदवार उतारें। हमने दोनों ही सीटों पर प्रत्‍याशी उतारने का फैसला किया है।” एनसी देबबर्मा राज्‍य सरकार में वरिष्‍ठ मंत्री हैं और राजस्‍व मंत्रालय संभालते हैं।

इससे पहले शनिवार को ही, त्रिपुरा भाजपा के प्रवक्‍ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा था कि उनकी पार्टी त्रिपुरा की दोनों सीटों पर लड़ेगी। उन्‍होंने indianexpress.com से बातचीत में कहा था, “हम IPFT के बारे में जरा भी नहीं सोच रहे। उन्‍हें बहुत पहले ही निर्णय के बारे में बता दिया गया था।”

हालां‍कि IPFT महासचिव मेवाड़ कुमार जमतिया सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी के रवैये से खुश नहीं दिखे। उन्‍होंने कहा, “हमने एक लोकसभा सीट पर लड़ने को कई बार बीजेपी से संपर्क साधा मगर उन्‍होंने हमारी बात मानने से इनकार कर दिया। इसलिए हमने दोनों सीटों पर अकेले लड़ने का फैसला किया है। IPFT प्रवक्‍ता मंगल देबबर्मा ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने त्रिपुरा के लिए लोकभा चुनाव के उम्‍मीदवार तय करते समय उनकी पार्टी का ध्‍यान नहीं रखा।

त्रिपुरा में दो लोकसभा सीटे हैं जहां कुल 25,98,290 मतदाता हैं। पश्चिमी त्रिपुरा सीट पर 11 अप्रैल तथा पूर्वी त्रिपुरा सीट पर 18 अप्रैल को मतदान होना है। विधानसभा की बात करें तो 60 सदस्‍यीय सदन में IPFT के 8 जबकि भाजपा के 36 विधायक हैं।