गठबंधन की कोशिशों के बीच कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। विभिन्न राज्यों की स्क्रीनिंग कमेटियों और पार्टी नेतृत्व के बीच बैठकों के कई दौर चले। इकॉनमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस अपने वर्तमान सांसदों को फिर टिकट दे सकती है। पार्टी ने पहले ही प्रदेश कांग्रेस कमेटियों से कह दिया था कि वह उन सीटों से एक संभावित उम्मीदवार से ज्यादा का पैनल न भेजें, जहां पार्टी का अपना लोकसभा सांसद है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश से अपने प्रत्याशियों की सूची लगभग तैयार कर ली है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में उन सभी 22 सांसदों के नाम होंगे जो 2009 लोकसभा चुनाव में जीते थे। यूपी की पहली लिस्ट में कांग्रेस पार्टी भाजपा और बसपा के कुछ बागियों को भी जगह दे सकती है।
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों से यह संदेश निकलकर आया है कि पार्टी उन प्रत्याशियों को फिर से मैदान में उतार सकती है जो 2014 के चुनाव में नजदीकी अंतर से हारे थे। जिन सीटों पर कांग्रेस पिछले दो-तीन लोकसभा चुनावों में हारती आ रही हैं, वहां पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है। इसमें भी महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। खासतौर से जिन्होंने पार्टी के शक्ति एप के जरिए कराए गए सर्वे और ओपिनियन पोल्स में बढ़त बनाई है, उन्हें टिकट वितरण में तरजीह दी जा सकती है।
सैद्धांतिक तौर पर पार्टी राज्यसभा सदस्यों को लोकसभा टिकट नहीं देती, मगर इस बार पार्टी कुछ दिग्गजों को अपवादस्वरूप टिकट दे सकती है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी महासचिव (संगठन) केसी वेगुगोपाल के नेतृत्व में विभिन्न संसदीय समितियों, राज्यों की स्क्रीनिंग समितियों ने कई बैठकें कर लिस्ट को अंतिम रूप दिया है। इस लिस्ट को अब पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के सामने रखा जाएगा तो उम्मीदवारों पर अंतिम फैसला लेगी।