भारतीय चुनाव आयोग ने पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया है। आयोग ने सिद्धू को 72 घंटे के लिए किसी भी तरह की जनसभा, रोडशो, रैली या मीडिया के साथ बातचीत पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई 23 अप्रैल सुबह 10 बजे से अमल में लाई जाएगी। दरअसल, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ यह कार्रवाई उस टिप्पणी के लिए है, जिसमें उन्होंने बिहार में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट रहने और वोट नहीं बंटने की अपील की थी। शनिवार को चुनाव आयोग ने सिद्धू को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

नोटिस जारी करने के बाद आयोग ने कहा था कि सिद्धू ने प्रथम-दृष्टया आदर्श आचार संहिता, चुनाव कानून और राजनीतिक प्रचार के लिए धार्मिक मामलों का जिक्र करके सुप्रीम कोर्ट की रोक का उल्लंघन किया है। सिद्धू को जवाब देने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी गई थी।

बिहार के कटिहार में सिद्धू ने मुस्लिम मतदाताओं से वोट नहीं बंटने देने की अपील की थी। इसके बाद उनके खिलाफ जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के साथ-साथ दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी। कांग्रेस नेता ने 16 अप्रैल को कटिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित किया था और मुस्लिम वोटरों को मोदी के खिलाफ एकजुट होकर वोट करने की अपील की थी। जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, सिद्धू कटिहार में कांग्रेस उम्मीदवार तारिक अनवर के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे।

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