Elections 2018: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या के बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी जा सकते हैं। उन्होंने इसके अलावा कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री व जद(यू) के नीतीश कुमार और लोजपा के राम विलास पासवान को हिंदुत्व और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर अपना रुख साफ करना चाहिए।
वहीं, भगवान हनुमान की जाति-धर्म को लेकर सियासी बहस पर कुपित संत समुदाय ने कहा है कि भगवान शंकर के अवतार माने जाने वाले गदाधारी हिंदू देवता के बारे में अनर्गल टिप्पणियां बंद होनी चाहिए। साधु-संतों के 13 अखाड़ों की शीर्ष संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को “पीटीआई-भाषा” से फोन पर कहा, “जो अज्ञानी राजनेता बजरंगबली की जाति-धर्म को लेकर अनुचित बयानबाजी कर रहे हैं, वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उन्हें अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए।”
मुख्यमंत्री के मुताबिक, "ऐसा लगता है कि यूरिया की राजस्थान-मध्य प्रदेश की रैक हरियाणा डायवर्ट कर दी गई, जिसके कारण किल्लत हुई। उन्हें मालूम था कि राज्य में चूंकि सरकार बदली है इसलिये बनावटी तकलीफ को जानबूझ कर पैदा किया गया। इस प्रकार की हरकत की जांच की जा रही है।'' उन्होंने कहा कि अधिकारियों को किसी भी जिले में इस प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े इसके लिये निर्देश दिया गया है। राजस्थान में यूरिया थानों में बंटने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए गहलोत ने कहा कि 2008 से 2013 तक कभी ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सूबे में यूरिया की किल्लत के लिए केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सोमवार (24 दिसंबर) को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश-राजस्थान को मिलने वाली यूरिया की खेप को हरियाणा भेज दिया, जिससे सूबे में इस बुवाई के मौसम में यूरिया की किल्लत हो गई। राजभवन में मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से वह बोले, "सूबे में कांग्रेस सरकार होने के कारण यूरिया की बनावटी समस्या पैदा की गई है और इसकी जांच की जा रही है।"
जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को सोमवार को झटका लगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नौकरशाह बशीर अहमद रून्याल ने पार्टी को अलविदा कहने का ऐलान कर दिया। रून्याल पीडीपी के रामबन जिले के अध्यक्ष और राज्य सचिव थे। वह सेवानिवृत्ति के बाद 2014 में विधानभा चुनाव से पूर्व पार्टी में शामिल हुए थे और बनिहाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
बीजेपी ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के शुक्रवार के आदेश को चुनौती दी, जिसने रथयात्रा की अनुमति देने संबंधी एकल न्यायाधीश का आदेश निरस्त कर दिया था। बीजेपी ‘लोकतंत्र बचाओ’ अभियान के तहत ये रथ यात्राएं आयोजित करना चाहती है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी इस रथ यात्रा के माध्यम से पश्चिम बंगाल के 42 संसदीय क्षेत्रों में पहुंचने का प्रयास कर रही है।
पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा के आयोजन की अनुमति के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने रथ यात्रा की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। बीजेपी ने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया है। पार्टी ने राज्य के तीन जिलों में रथ यात्रा आयोजित करने का कार्यक्रम बनाया था।
जेटली के मुताबिक, "28 प्रतिशत का कर स्लैब अब खत्म हो रहा है।" वर्तमान में इसमें सिर्फ लग्जरी एवं अहितकारी उत्पादों के अलावा वाहनों के कलपुर्जे, एसी और सीमेंट समेत केवल 28 वस्तुएं ही बची हैं। उन्होंने कहा कहा कि अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में जीएसटी के रूप में परिवर्तन पूरा होने के साथ अब हम इसकी दरों को तर्कसंगत बनाने के पहले चरण को पूरा करने के करीब हैं। उदाहरण के लिये विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को छोड़कर बाकी वस्तुएं को चरणबद्ध तरीके से 28 प्रतिशत के उच्चतम कर के दायरे से बाहर की जा रही है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि आगे राजस्व में अच्छी बढ़ोतरी होने पर देश में माल-सेवा कर की तीन दरें रह जाएंगी, जिसमें 0 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की दर के साथ सामान्य जरूरत की वस्तुओं पर एक मानक दर होगी। यह 12 से 18 प्रतिशत के बीच होगी। उन्होंने यह भी कहा कि विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को उच्च कर के दायरे में बनाए रखा जाएगा। फेसबुक पर ''जीएसटी के 18 महीने'' शीर्षक से लिखे एक लेख में कहा कि इस समय उपयोग की कुल 1,216 वस्तुओं में से 183 पर 0 प्रतिशत, 308 पर 5 प्रतिशत , 178 उत्पादों पर 12 प्रतिशत और 517 पर 18 की दर से जीएसटी लगता है।
राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने सोमवार (24 दिसंबर) को राजभवन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार के मंत्रिमंडल के लिए 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण दिलाई। राजभवन में आयोजित समारोह में बी डी कल्ला, शांति धारीवाल, डॉ रघु शर्मा, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, परसादी लाल मीणा, विश्वेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, मास्टर भंवर लाल मेघवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदय लाल आंजना और सालेह मोहम्मद ने केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
वहीं, विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन सिंह बामणिया, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जोली, भजनलाल जाटव, राजेंद्र सिंह यादव और आरएलडी के सुभाष गर्ग ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। बता दें कि गहलोत ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद शपथ ली थी। उसी दिन सचिन पायलट को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई, जिन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया। कैबिनेट में राज्यमंत्री के रूप में शामिल सुभाष गर्ग राष्ट्रीय लोकदल से है।
पीएम के मुताबिक, अटलजी के बोलने का मतलब देश का बोलना और सुनने का मतलब देश को सुनना था। अटलजी ने लोभ और स्वार्थ की बजाय देश और लोकतंत्र को सर्वोपरि रखा और उसे ही चुना। अटल जी चाहते थे कि लोकतंत्र सर्वोच्च रहे। उन्होंने जनसंघ बनाया, लेकिन जब हमारे लोकतंत्र को बचाने का समय आया तब वह और अन्य जनता पार्टी में चले गए। इसी तरह जब सत्ता में रहने या विचारधारा पर कायम रहने के विकल्प की बात आई तो उन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और भाजपा की स्थापना की
समारोह में प्रधानमंत्री आगे बोले, "कुछ लोगों के लिये सत्ता ऑक्सीजन जैसी है। वे उसके बिना जीवित नहीं रह सकते। वहीं, दूसरी ओर वाजपेयी ने अपने सार्वजनिक जीवन का लंबा समय विपक्ष में रहते हुए राष्ट्रहित से जुड़े विषयों को उठाने में लगाया।" उन्होंने कहा कि सिद्धांतों और कार्यकर्ता के बल पर अटलजी ने इतना बड़ा राजनीतिक संगठन खड़ा कर दिया और काफी कम समय में देशभर में उसका विस्तार भी किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 94वीं जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी स्मृति में 100 रुपए का सिक्का जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों के लिए सत्ता जहां ऑक्सीजन के समान है, वहीं वाजपेयी अपने सार्वजनिक जीवन में लम्बे समय तक विपक्ष में बैठक कर राष्ट्रहित से जुड़े विषय उठाते रहे। समारोह में लंबे समय तक वाजपेयी के सहयोगी रहे वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उपस्थित थे।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पश्चिम बंगाल में रथयात्रा निकालने के लिए सोमवार को उच्चतम न्यायालय से संपर्क साधा। पार्टी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसने रथयात्रा निकालने की अनुमति देने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया था। उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि उसे उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश के खिलाफ भाजपा की अपील प्राप्त हुई है। अधिकारियों ने बताया कि याचिका की जांच की जा रही है।
अशोक गहलोत के कुल 23 मंत्रियों में से 22 विधायक कांग्रेस के हैं, जबकि एक राष्ट्रीय लोकदल से है। इससे पहले, 17 दिसंबर को जयपुर के अल्बर्ट हॉल में गहलोत ने सीएम और पायलट ने डिप्टी-सीएम पद की शपथ ली थी।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ पहली बगावत सामने आई है। सीवान में जनता दल (यूनाटेड) में बड़हरिया से विधायक श्याम बहादुर सरकार में सुनवाई न होने से नाराज हो गए हैं। उन्होंने इसी को लेकर इस्तीफे की पेशकश कर दी है। वहीं, जेडीयू उसकी समस्या को लेकर सचेत हो गया है।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने रविवार (23 दिसंबर) को मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की तरह महाराष्ट्र में धान किसानों को प्रति क्विंटल 2,500 रुपए देने का वादा किया। ट्वीट में लिखा- कृषि उपज समर्थन मूल्य को अंतिम रूप देने से पहले पड़ोसी राज्यों की दरों पर परामर्श किया जाता है, पर महाराष्ट्र सरकार ने इसका पालन नहीं किया और अब पड़ोसी राज्य 700 रुपये प्रति क्विंटल अधिक दे रहे हैं।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने रविवार (23 दिसंबर) को दोहराया कि ''महागठबंधन'' 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए है, जिसमें मजबूत क्षेत्रीय दलों को सीट बंटवारे में बड़ी हिस्सेदारी मिलने की संभावना है। उन्होंने पूर्वी महाराष्ट्र के गोंदिया में कांग्रेस और राकांपा कार्यकर्ताओं संग बैठक की, जहां उन्होंने मराठी में इससे जुड़ा ट्वीट किया। वह बोले, "कांग्रेस-राकांपा संयुक्त रूप से लोकसभा चुनाव में उतरेंगी और कुछ अन्य सहयोगी राजनीतिक संगठनों का साथ भी लेंगी। सीट बंटवारे को लेकर कोई भ्रम नहीं है, अगर होता है तो दोनों पार्टियों के प्रमुख इसे हल कर लेंगे।"
बिहार में राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा के कुछ घंटे के अंदर ही राजद नेता तेजस्वी यादव ने विपक्षी गठबंधन के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि 2019 के आम चुनावों में राज्य में भाजपा नीत गठबंधन अपना खाता भी नहीं खोल पाएगा। यादव के साथ रालोसपा के नेता उपेन्द्र कुशवाहा, हम के नेता संतोष मांझी और कांग्रेस नेता नरेन्द्र कुमार ने भी राजग पर जोरदार प्रहार किया। विपक्षी गठबंधन में मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के शामिल होने के अवसर पर उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने राजग पर प्रहार किया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘‘अवसरवादी’’ बताया लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे पर चुप्पी साधे रखी।