भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी। पार्टी की ओर से अब तक 267 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जा चुकी है। पार्टी की ओर से अब तक पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को टिकट दिया गया है जिनमें शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), बिप्लव देब (त्रिपुरा), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), त्रिवेंद्र सिंह रावत (उत्तराखंड) और बसवराज बोम्मई (कर्नाटक) के नाम शामिल हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्यों में सरकार की कमान युवाओं के हाथों में देने और अनुभवी लोगों को केंद्र में लाने की नीति के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतारा जा रहा है।

हरियाणा में मंगलवार को नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद हरियाणा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। बुधवार शाम को पार्टी की ओर से जारी दूसरी सूची में खट्टर को हरियाणा की करनाल सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया। वर्तमान में करनाल से भाजपा के ही संजय भाटिया सांसद हैं।

भाजपा ने हरिद्वार संसदीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतारा है। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र को एक राजनीतिक मौके का इंतजार था। कुछ अवसरों पर संगठन में उन्हें अहम जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाएं गरमाती रहीं। लेकिन हर बार त्रिवेंद्र समर्थकों को मायूस होना पड़ा। 2022 में अपनी पारंपरिक डोईवाला सीट से भी वह चुनाव नहीं लड़ पाए। हालांकि इस सीट पर पार्टी ने उन्हीं के पसंद के चेहरे बीबी गैरोला को मैदान में उतारा था। त्रिवेंद्र के समर्थन से गैरोला चुनाव जीते।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हावेरी से चुनाव लड़ेंगे। इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वर्तमान में भाजपा के शिवकुमार उदासी कर रहे हैं। बोम्मई वर्तमान में शिगगांव से विधायक हैं, जो हावेरी जिले में पड़ता है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को हटाकर बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि उनके नेतृत्व में लड़े गए विधानसभा चुनाव में भाजपा को विफलता का सामना करना पड़ा।

भाजपा ने लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव देब को टिकट दिया था। पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव चौहान के नेतृत्व में ही लड़े गए थे और भाजपा ने सूबे में जीत भी हासिल की लेकिन पार्टी नेतृत्व निर्णय की वजह से चौहान मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। मध्य प्रदेश में भाजपा ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया।