Lok Sabha Elections 2019: पिछले साल यूपी में हुए उपचुनाव में एसपी और बीएसपी के गठबंधन ने राज्य की योगी सरकार को तगड़ा झटका दिया था। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शायद उस हार से सीख ली, तभी वह इस बार गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान पूरा जोर लगाते नजर आए। गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है, लेकिन यहां उप चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। गोरखपुर में सातवें चरण के मतदान के तहत 19 मई को वोटिंग होनी है। योगी बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं। वह पूरे देश में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने में व्यस्त रहे। इसके बावजूद, योगी 10 मई को छठें चरण का मतदान खत्म होने के बाद से बीते एक हफ्ते से गोरखपुर में जमे हुए हैं। योगी का मकसद यहां के सामाजिक, धार्मिक और जातिगत समीकरणों को पार्टी के हित में साधना है।

बीजेपी ने इस बार गोरखपुर सीट से एक्टर रवि किशन शुक्ला को मैदान में उतारा है। बीजेपी को गोरखपुर और फूलपुर में हुए उपचुनाव में गठबंधन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी को यहां खासी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस क्षेत्र की राजनीति ठाकुरों और ब्राह्मणों के इर्दगिर्द घूमती है। सूत्रों का कहना है कि योगी ने अपने संगठन हिंदू युवा वाहिनी के लोगों को भी मैदान में उतारा है। योगी के सीएम बनने के बाद से 2017 से यह संगठन निष्क्रिय सा नजर आया है। हालांकि, रवि किशन की उम्मीदवारी ने कई लोगों को नाराज किया और युवा वाहिनी के कभी प्रमुख रहे सुनील सिंह अब गठबंधन प्रत्याशी राम भुवल निषाद के लिए प्रचार कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने गोरखपुर में प्रचार नहीं किया। आदित्यनाथ यहां खुद कमान संभाले हुए हैं। 10 मई के बाद, यहां उन्होंने पांच विधानसभा क्षेत्रों में सिखों, प्रबुद्ध जनों, कारोबारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बूथ वर्करों को संबांधित किया है। राज्य और केंद्र के मंत्रियों ने भी गोरखपुर में प्रचार किया। खुद योगी ने यह सुनिश्चित किया कि वह बाकी चुनाव कार्यक्रमों के साथ हर रोज कम से कम एक पब्लिक मीटिंग यहां जरूर करें। शुक्रवार को लोकसभा अभियान के लिए प्रचार खत्म होते ही, आदित्यनाथा ने गोरखपुर के सहजनवां में एक रैली को संबोधित किया। वहीं, 17 मई को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी गोरखपुर में स्कूटी रैली निकाली और बीजेपी के लिए जमकर प्रचार किया।