Lok Sabha Elections 2019: आम चुनाव 2019 के मद्देनजर बीजेपी देश के हर कोने में अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई है। इसी क्रम में पार्टी केरल राज्य में अपनी अल्पसंख्यक विरोधी छवि को मिटाने की कोशिश में लगी हुई है। इसी के तहत, पार्टी की राज्य ईकाई से कहा गया है कि वह कुछ ईसाई प्रत्याशियों के नाम आगे बढ़ाए। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम एक्सप्रेस कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक, दक्षिणी तटीय राज्य में पार्टी का आधार मजबूत करने के लिए बीजेपी हाईकमान ने राज्य ईकाई के नेताओं को चर्च लीडर्स से नजदीकी बढ़ाने को कहा है। केंद्रीय मंत्री भी चर्च से जुड़े पदाधिकारियों के कार्यक्रम में न्योता कबूल कर रहे हैं। प्रत्याशियों के नाम तय करते वक्त राज्य बीजेपी नेताओं से कहा गया है कि ईसाई समुदाय से कम से कम 4 से 5 प्रत्याशी केरल बीजेपी कैंडिडेट्स की लिस्ट में शामिल किए जाएं।

उधर, बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए केरल की दो पार्टियों के साथ सीटों के बंटवारे के समझौते का बुधवार को ऐलान कर दिया। बीजेपी राज्य की 20 लोकसभा सीटों में से 14 पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, भारत धर्म जन सेना (BDJS) 5 सीटों पर उतरेगी। इसके अलावा, केरल कांग्रेस (थॉमस) के हिस्से एक सीट आई है। सीटों के बंटवारे का ऐलान बीजेपी महासचिव पी मुरलीधर राव ने किया। बीजेपी नेताओं और बीडीजेएस नेता टी वेल्लापल्ली के बीच दिल्ली में हुई बैठक के बाद सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी। बता दें कि बीडीजेएस श्री नारायण धर्म परिपालन योगम की राजनीतिक शाखाा है। इस संगठन का इजहावा समुदाय पर खासा प्रभाव है।

समझौते के मुताबिक, बीडीजेएस थ्रिसूर, इडुकी, वेनाड, मवेलिकारा और अलाथूर आदि सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि केरल कांग्रेस के हिस्से कोट्टयम की सीट आई है। बीजेपी नेता यह मानते हैं कि केरल की राजनीति में उन्होंने कोई खास दखल नहीं हासिल की है, लेकिन उनका दावा है कि इस बार के चुनाव में हर संसदीय क्षेत्र में उनका वोट शेयर बढ़ेगा। सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं की एंट्री के विरोध को लेकर पार्टी को जो समर्थन मिला है, बीजेपी नेताओं के बीच इसे लेकर खासा उत्साह है। हालांकि, हाल में टिकट बंटवारे को लेकर राज्य नेतृत्व में मतभेद की बातें भी सामने आई हैं।