लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, देश में एक बार फिर एनडीए की सरकार जरूर बन रही है, लेकिन बीजेपी को अपने दम पर 10 सालों में पहली बार पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। बदली हुई परिस्थिति में एक बार फिर गठबंधन का दौर आ चुका है, फिर सहयोगियों के सहारे ही सरकार को चलाने का काम करना पड़ेगा।

मोदी का कैसे प्रदर्शन?

अब इस प्रकार के जनादेश के बाद लोगों के मन में एक सवाल जरूर आ रहा है- क्या मोदी मैजिक कम हो गया है? क्या नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कुछ कम हो चुकी है? अब इसका सबसे सटीक जवाब इस बात से मिल सकता है कि मोदी ने चुनावी मौसम में जितनी रैलियां की थी। वहां पर बीजेपी का प्रदर्शन इस बार कैसा रहा है। मोदी ने 169 रैलियां की थीं, 167 सीटें कवर कीं। नतीजे बता रहे हैं कि बीजेपी ने 91 सीटों पर जीत दर्ज की, यानी कि मोदी का स्ट्राइक रेट 54 प्रतिशत का रहा।

राहुल का कैसा प्रदर्शन?

दूसरी तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बात करें तो उन्होंने मोदी की तुलना में काफी कम रैलियां और रोड श किए थे, राहुल गांधी ने इस चुनाव में 67 रैली और रोड शो किए, उन रैलियों के जरिए कांग्रेस ने 65 सीटों को कवर किया। नतीजे बता रहे हैं कि कांग्रेस ने उन 65 सीटों में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की, इसका मतलब यह है कि राहुल गांधी का विजय स्ट्राइक रेट 43% का रहा।

अब अगर पूरे देश को उत्तर और दक्षिण में बांटकर देखा जाए तो साफ पता चलता है कि अगर एक जगह पर पीएम मोदी का ज्यादा दबदबा देखने को मिला तो दूसरे छोर पर राहुल गांधी की लोकप्रियता चरम पर थी।

दक्षिण भारत में कौन आगे?

मोदी की तरफ से दक्षिण भारत में 22 रैलियां की गई थीं, उन 22 रैलियों के जरिए 22 सीटों को ही टारगेट किया गया। चुनावी नतीजे बता रहे हैं कि मोदी बीजेपी के लिए उन 22 सीटों में से 9 पर जीत दर्ज करवा सके, यानी कि दक्षिण में उनका स्ट्राइक रेट 41% का रहा। दूसरी तरफ राहुल गांधी का फोकस क्योंकि सबसे ज्यादा दक्षिण भारत पर था, ऐसे में आंकड़ों में भी उस बात की छाप दिखाई दे रही है। राहुल की तरफ से 20 रैलियां की गई थी, उन 20 रैलियों के जरिए 17 सीटों को कवर किया गया और कांग्रेस 13 सीटें जीतने में सफल रही। कांग्रेस नेता का स्ट्राइक रेट 76% का रहा।

चुनाव आयोग की वेबसाइट से एक आंकड़ा यह भी बाहर निकलता है कि मोदी और राहुल गांधी की सबसे ज्यादा रैलियां यूपी, बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र में हुई थी, उस लिहाज से अगर चुनावी नतीजों को देखा जाए तो और स्पष्ट पिक्चर सामने निकल कर आती है।

जहां बीजेपी को सबसे ज्यादा चोट, मोदी का कैसा प्रदर्शन?

इन चार राज्यों में पीएम मोदी ने 88 रैलियां की थी, उन रैलियों के जरिए 85 सीटों को कवर किया गया, लेकिन बीजेपी को सिर्फ 41 सीटों पर जीत मिली, मोदी का स्ट्राइक रेट मात्र 48% रह गया। इन्हीं राज्यों में जब राहुल गांधी की रैलियों का आकलन किया जाता है, तो अलग स्थिति दिखती है।

राहुल गांधी ने इन चार राज्यों में 29 रैलियां की थी, कांग्रेस के लिए 23 सीटें कवर हुई और 14 पर जीत हासिल हुई, यानी कि राहुल गांधी का स्ट्राइक रेट 60% के करीब रहा। अब यह आंकड़े ही बताने के लिए काफी है कि इस बार मोदी की रैलियों का असर तो पड़ा है, लेकिन उनका विजयी स्ट्राइक रेट 2019 की तुलना में कम हो चुका है। यूपी और महाराष्ट्र में क्योंकि बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ तो यहां पर भी पीएम मोदी की रैलियों का प्रभाव भी कम देखने को मिला है।