अयोध्या की तर्ज पर माता सीता की जन्मस्थली का जीर्णोद्धार की बाट जोहते सीतामढ़ी के 19 लाख 29 हजार मतदाता 20 मई को मतदान करेंगे। सीतामढ़ी से पांच किलोमीटर पर पुनौरा धाम है। जहां माता जानकी का मंदिर है, लेकिन अयोध्या के राम मंदिर जैसा भव्य नहीं है। गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह चुनावी सभा में वायदा कर गए हैं कि श्रीराम मंदिर की तरह सीता माता का भव्य मंदिर बनेगा।
लोग सदियों से इसका इंतजार कर रहे हैं। अयोध्या के राम मंदिर बनने में बाबरी मस्जिद का रोड़ा था। मगर माता जानकी का मंदिर भव्य रूप लेने में कोई अड़चन नहीं है। वाबजूद इसके केंद्र या बिहार सरकार ने कभी कोई पहल नहीं की और न ही चुनावी मुद्दा बना। यह बात सीतामढ़ी के जयप्रकाश मिश्रा कहते हैं। यह गल्ले के व्यापारी है।
यहां 14 उम्मीदवार संसदीय चुनाव मैदान में है, लेकिन मुख्य मुकाबला जद(एकी) के देवेश चंद्र ठाकुर और राजद के अर्जुन राय में है। देवेश चंद्र ठाकुर दो दशक से एमएलसी है और विधान परिषद के अध्यक्ष भी है। वहीं अर्जुन राय चौथी दफा संसदीय चुनाव लड़ रहे है। 2009 में जद(एकी) की टिकट पर सांसद निर्वाचित हो चुके हैं।
बिहार सरकार में मंत्री भी रहे हैं। छात्र जनता दल राजद से अपनी राजनीति शुरू करने वाले अर्जुन राय 2019 का चुनाव ढाई लाख मतों से शिकस्त खा गए थे। इनको 3 लाख 17 हजार मत मिले थे और जद(एकी) के सुनील कुमार पिंटू को 5 लाख 67 हजार से ज्यादा मत हासिल हुए थे। अर्जुन राय पर राजद ने फिर से भरोसा जताया है। मगर जद(एकी) ने देवेश चंद्र ठाकुर पर दांव लगाया है।
इंडिया गठबंधन के राजद उम्मीदवार अर्जुन राय को अपने पारंपरिक मतों पर भरोसा है। वहीं ठाकुर को बनिया और कुशवाहा -कुर्मी मतों की उम्मीद है। छह विधानसभा क्षेत्र वाले सीतामढ़ी लोकसभा इलाका में पांच पर राजग विधायक हैं। एक बाजपट्टी पर राजद का कब्जा है। बाकी रुन्नीसैदपुर, परिहार, बथनाहा, सुरसंड, सीतामढ़ी विधानसभा इलाका है।
महंगाई, बेरोजगारी , स्वास्थ्य इंतजाम बगैरह समस्या से त्रस्त बिहार के इस इलाके के मतदाता भी अछूते नहीं है। रेल सुविधाओं को बढ़ाने का इंतजार है। तो रामजानकी पथ का निर्माण , एनएच 77 मुजफ्फपुर से सोनवर्षा फोरलेन , मेडिकल कालेज की स्थापना की मांग सालों से है। लेकिन लोग वोट देने के बाद छले से महसूस करते हैं। सुरसंड के अश्विनी कुमार कहते है। राजद जिला अध्यक्ष सुनील कुशवाहा कहते है कि सांसद के गोद लिए गांव का भी विकास नहीं हो पाया।
माता जानकीधाम पुएनौराधाम का जीर्णोद्धार घोषणा पर ही सालों से टिका है। कोई विकास का काम नहीं हुआ है। नेपाल की सीमा को जोड़ना वाला शिकाउ नदी पर बना लोहे का पुल जर्जर है। जबकि लोग बताते है यह पुल यहां के लोगों की जीवनरेखा है। फिर भी यहां के मतदाता जद्दोजहद के बीच पांचवें चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे है। लेकिन किसी की भी जीत आसान नहीं है।