Loksabha Elections 2019: तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट के लिए होने वाला चुनाव रद्द कर दिया गया है। मंगलवार (16 अप्रैल, 2019) देर शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके लिए मंजूरी भी दे दी। दरअसल, कुछ दिन पहले एक द्रमुक उम्मीदवार के कार्यालय से कथित रूप से तकरीबन 11 करोड़ रुपए कैश बरामद किया गया था। चुनाव आयोग (ईसी) ने इसी को लेकर वहां मतदान रद्द करने के लिए राष्ट्रपति से अनुमति मांगी थी। मंजूरी मिलने पर ईसी के बयान में कहा गया, “14 अप्रैल को हमारी ओर से दी गई सिफारिश को राष्ट्रपति ने मानते हुए वेल्लोर सीट पर चुनाव रद्द कर दिया है।”
वेल्लोर में 18 अप्रैल को मतदान होना था। पर चुनाव रद्द होने के बाद इसके लिए नई तारीख तय की जाएगी, तब जाकर वहां वोटिंग होगी। ईसी ने यह फैसला आरोपी के.आनंद के साथ ही पार्टी के दो पदाधिकारियों के खिलाफ आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के आधार पर 10 अप्रैल को जिला पुलिस द्वारा एक शिकायत दर्ज करने के बाद लिया।
पुलिस के अनुसार, आनंद पर नामांकन पत्र के साथ दिए गए हलफनामे में ‘‘गलत सूचना’’ देने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के तहत आरोप लगाया गया। दो अन्य के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया, जिनकी पहचान श्रीनिवासन और दामोदरन के तौर पर हुई।
सिफारिश विधि मंत्रालय के विधायी विभाग को मंगलवार को भेजी गई थी, जिसने अधिसूचना जारी की। सरकार के सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है। वह अब राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अधिसूचना के बारे में सूचित करेंगे।
30 मार्च को आयकर अधिकारियों ने आनंद के पिता डी.मुरुगन के आवास पर चुनाव प्रचार में बेहिसाब धनराशि इस्तेमाल के शक पर छापेमारी की थी और 10.50 लाख रुपए कथित ‘‘अतिरिक्त’’ कैश बरामद किया था। दो दिन बाद उन्होंने उसी जिले में द्रमुक नेता के एक सहयोगी के सीमेंट गोदाम से 11.53 करोड़ रुपये जब्त करने का दावा किया था।
हालांकि, मुरुगन ने दावा किया कि उन्होंने कुछ भी छुपाया नहीं है। उन्होंने आयकर विभाग की कार्रवाई के समय पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि छापेमारी कुछ नेताओं का ‘‘षड्यंत्र’’ है जो उनका मुकाबला चुनावी मैदान में नहीं कर सकते। (भाषा इनपुट्स के साथ)