Lok Sabha Election 2019: बुंदेलखंड के टीकमगढ लोकसभा में पानी एक अहम मुद्दा है। यहां के लोगों को दो-दो किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है। यहां के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन यहां स्तरीय शिक्षण संस्थानों की कमी है। इस वजह से लड़कियों को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर होना पड़ता है।

18 साल की गुड़िया अहीरवार 6 मई को पहली बार वोट देगी। 10वीं क्लास के बाद गुड़िया की पढ़ाई छूट गई। इस बार वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए वोट देगी। मध्यप्रदेश की टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र की मतदाता गुड़िया का कहना है, ‘हम चाहते हैं सरकार यहां बेहतर कॉलेज बनवाए और पानी की किल्लत को दूर कर दे। मैं आगे पढ़ना चाहती हूं लेकिन लड़के यहां पानी लाने नहीं जाते हैं इसलिए मुझे जाना पड़ता है। ऐसे में मेरी पढ़ाई छूट गई।’

गुड़िया की पड़ोस में रहने वाली सोनम यादव थोड़ी लकी है। यहां 1500 की आबादी वह एकमात्र लड़की है जो 12वीं क्लास में पहुंची है। सोनम का कहना है कि वह नर्सिंग की पढ़ाई करना चाहती है लेकिन यहां अच्छा कॉलेज नहीं है। लड़कों की तरह यहां लड़कियों को पढ़ने के लिए बाहर नहीं भेजा जाता है। एक महीने पहले शादी कर यहां आई रीना यादव का कहना है कि शादी के बाद मेरा काम सिर्फ पानी लाना है।

साल 2009 में टीकमगढ़ के संसदीय क्षेत्र बनने के बाद से यहा अहीरवार वोट भाजपा के खाते में जाते रहे हैं। साल 2014 में भाजपा ने यहां 2.1 लाख मतों से जीत दर्ज की थी। टीकमगढ़ शहर की आबादी 2 लाख है। यहां पक्के घर, प्राइवेट स्कूल और रेलवे स्टेशन के रूप में विकास दिखाई देता है।

मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी स्वीकार करते हैं कि युवाओं का पलायन, इसके बाद शिक्षा और रोजगार यहां सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन इस बार फिर पानी की कमी यहां सबसे बड़ी समस्या है। साल 2007 से पानी का स्तर गिरता जा रहा है। साल 2009 में यूपीए सरकार ने यहां के लिए पैकेज की घोषणा की थी।

यहां के लोगों की मेडिकल कॉलेज की मांग अभी भी लटकी हुई है। इस बार भाजपा के छह बार के सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक का मुकाबला कांग्रेस की किरण अहीरवार से है। यहां को लोगों का कहना है इस चुनाव में पानी काफी अहम मुद्दा है। इस बार लोग यहां अपने मुद्दों को आधार पर ही वोट देंगे।